मुरैना में एक पिता ने प्रेम प्रसंग के चलते अपनी 17 वर्षीय बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी। इसमें मां और भाई ने भी पूरा साथ दिया। हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने और सबूत मिटाने में दोस्त, पड़ोसी और रिश्तेदारों ने भी मदद की। पुलिस ने नाबालिग की हत्या से
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दिव्या 12वीं कक्षा की छात्रा थी और उसका किसी अन्य समाज के लड़के से प्रेम संबंध था। पिता भरत सिकरवार को जब इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने उसे काफी समझाया, लेकिन जब दिव्या ने उस लड़के से मिलना नहीं छोड़ा, तो पिता ने परिवार की इज्जत की खातिर उसे रास्ते से ही हटा दिया। 22 सितंबर को भी दिव्या और उसका प्रेमी स्कूटी पर दिखे थे, जिसके बाद पिता ने उसकी पिटाई भी की थी।
पिता ने बेटी दिव्या को गोली मारी…मां ने खून से सना फर्श धोया, ग्रामीण और पड़ोसियों ने मदद की तो नाबालिग भाई ने शव को ठिकाने लगाया। भास्कर टीम ने इस मामले की पड़ताल की तो कई परतें खुलती चली गईं। मर्डर केस में 23 किरदारों ने क्या-क्या भूमिका निभाई…पढ़िए सिलसिलेवार पूरा मामला
23 सितंबर की शाम मर्डर, रात को ठिकाने लगाया पुलिस के मुताबिक 23 सितंबर की शाम करीब 7.30 बजे माता की आरती चल रही थी, इसी दौरान पिता भरत और बेटी दिव्या में झगड़ा हुआ। गुस्से में आकर भरत ने दिव्या को गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर उसकी मां और छोटा भाई कमरे में आए, जिसके बाद लाश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई गई। भरत ने पड़ोसी दीपक सिकरवार को बुलाया और कहा कि दिव्या के सिर पर पंखा गिर गया है। इसके बाद दीपक अपनी टाटा नेक्सोंन कार लेकर आया और सभी जिला अस्पताल की तरफ रवाना हो गए।
अस्पताल जाते समय भरत ने कहा कि दिव्या मर गई, अब गांव की तरफ गाड़ी ले लो। इस पर दीपक ने अस्पताल चलने की जिद की, लेकिन भरत नहीं माना। दीपक ने कहा कि अब मेरी गाड़ी गांव नहीं जाएगी। इस पर भरत ने स्कूल की टाटा मैजिक गाड़ी बुलवाई।
दिव्या के शव को गृह गांव गलेथा पंचायत के ग्राम भगवान सिंह के पुरा ले गया। गांव पहुंचने के पहले ही भरत ने फोन कर परिजनों को दिव्या की सामान्य हादसे में हुई मौत की जानकारी दी और उसका क्वारी नदी में जल दाग देने की बात बताई।

बेटी दिव्या की हत्या के मामले में पिता भरत सिकरवार को गिरफ्तार किया गया।
दिव्या के शरीर पर पत्थर बांधे और नदी में फेंका रात साढ़े दस बजे दिव्या के पिता, मां गुड़िया, छोटा भाई (नाबालिग), चीमा राठौड़ उर्फ मामा और फूफा यदुवीर दिव्या के शव को भगवान सिंह के पुरा पर लेकर पहुंचे। वहां पहले से ही इनका इंतजार कर रहे गांव के घंसू सिकरवार , सुनील सिकरवार, सोनू, गुड्डा बघेल मिले। गुड्डा बघेल अपने ट्रैक्टर से दिव्या के शव को क्वारी नदी तक ले गए। यहां शव पर बड़े-बड़े पत्थर बांधकर नदी में फेंक दिया।

27 सितंबर को अज्ञात फोन के बाद सामने आया मामला दिव्या की हत्या का मामला 27 सितंबर को तब सामने आया, जब एक अज्ञात पड़ोसी ने पुलिस को फोन कर घटना की जानकारी दी। कॉलोनी में कुछ सुगबुगाहट होने पर पड़ोसी ने पुलिस को सूचना दी, जिससे पुलिस के होश उड़ गए। सिविल लाइन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पिता भरत को हिरासत में लिया और पूछताछ की, जिसके बाद उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
पिता भरत की निशानदेही पर पुलिस ने उसी दिन दिव्या के शव को क्वारी नदी में खोजना शुरू कर दिया। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। 28 सितंबर को क्वारी नदी से सुबह 11 बजे उसी स्थान से शव मिला जहां आरोपी पिता भरत ने बताया था । शव तलाशने एससीआरएफ ने 18 घंटे रेस्क्यू किया।
दिव्या का शव नदी से बरामद होने के बाद एफएसएल टीम मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। टीम ने शव को देखते ही हत्या गोली मारकर हत्या होना बता दिया, लेकिन पुलिस अधिकारी पीएम रिपोर्ट भी चाहते थे। इसलिए दिव्या के शव का पीएम ग्वालियर के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के पैनल के द्वारा किया गया।

18 घंटे चले रेस्क्यू के बाद दिव्या का शव नदी से बरामद कर लिया गया।

रेस्क्यू के दौरान मुरैना पुलिस आरोपियों के साथ नदी पर ही मौजूद रही।
30 सितंबर को आई पीएम रिपोर्ट
दिव्या के शव का पीएम ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में कराया गया। इसकी रिपोर्ट पुलिस को 30 सितंबर को मिली, जिसमें दिव्या की हत्या हुई है यह क्लियर था। अब पुलिस दिव्या के पिता भरत सिकरवार से और मां गुड़िया से अलग- अलग पूछताछ की तो दोनों ने अपराध कबूलते हुए पूरी कहानी बयां कर दी। इस दौरान दोनों ने पूरे घटनाक्रम में किस-किस ने उनकी मदद की यह भी सामने आ गया। मामला खुलने के बाद 30 सितंबर को 11 नामजद और 12 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज कर लिया गया।
माता-पिता को गिरफ्तार कर जेल भेजा
एडीशनल एसपी सुरेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार दिव्या हत्याकांड की गुत्थी सुलझ गई है। दिव्या की हत्या प्रेमप्रसंग के चलते की गई। पिता को बेटी का किसी लड़के से मिलना पसंद नहीं था इसलिए उसके पिता ने ही अपने भाई रवि सिकरवार की पिस्टल से दिव्या की हत्या की थी। हत्या के बाद शव क्वारी नदी में फेंकने से लेकर घटना स्थल पर साक्ष्य मिटाने तक सभी 23 लोगों को आरोपी बनाया है। माता पिता को गिरफ्तार किया गया है शेष की तलाश जारी है ।
