ब्लैक में चांदी: भोपाल-इंदौर में सौदा आज, डिलीवरी 7 से 15 दिन बाद – Bhopal News

ब्लैक में चांदी:  भोपाल-इंदौर में सौदा आज, डिलीवरी 7 से 15 दिन बाद – Bhopal News


एमसीएक्स पर भाव 1.48 लाख, इंदौर में सौदे हो रहे 1.68 प्रति किलो तक, भोपाल में 1.70-1.76 लाख रु. तक में

.

सुनील सिंह बघेल की रिपोर्ट

धनतेरस को एक सप्ताह भी नहीं बचा है, लेकिन इससे पहले ही भोपाल-इंदौर और ग्वालियर समेत मध्य प्रदेश के बड़े सर्राफा बाजारों से चांदी गायब हो रही है। एक माह में चांदी के भाव 25 हजार प्रति किलो तक बढ़ चुके हैं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी का भाव करीब 1.48 लाख रुपए प्रति किलो है, लेकिन निवेशक इसे 1.68 से 1.76 लाख रुपए प्रति किलो तक ब्लैक मार्केट में खरीद रहे हैं।

इस सबसे बावजूद भी डिलीवरी तुरंत नहीं मिल रही है और व्यापारी 7 से 15 दिन का समय मांग रहे हैं। इंदौर जैसे बड़े बाजार में कोई व्यापारी सौदे के तुरंत बाद चांदी नहीं दे रहा। फिजिकल डिलीवरी में देरी का असर पहले ही दिखने लगा था, अब यह संकट चरम पर है।

जिनके पास चांदी है, वे उसे दबाकर रखे हुए हैं। मध्य प्रदेश सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकुम सोनी के अनुसार, इस वजह से खरीदारों को डिलीवरी में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। ग्वालियर में चांदी के दाम 10 अक्टूबर को 1.70 लाख रुपए पर पहुंच गए। लेकिन फिर भी पक्की चांदी सराफा बाजार में उपलब्ध नहीं है। डिमांड के बाद भी कारोबारियों को चांदी ऊपर से नहीं मिल पा रही है।

इस ब्लैक मार्केटिंग की बड़ी वजह- महंगा सोना, चांदी का आयात पिछले साल से घटकर आधा

भारत सरकार ने चांदी को मार्च 2026 तक ‘रिस्ट्रिक्टेड’ कैटेगरी में डाल दिया है। यानी अब चांदी का आयात करने के लिए डीजीएफटी (डायरेक्टर जनरल फॉरेन ट्रेड) से मंजूरी लेना जरूरी है। इस वजह से, पिछले साल जहां 7,700 टन चांदी आयात हुई थी। इस साल अभी तक लगभग 3,000 टन ही आयात हो पाई है। आपूर्ति कम होने से देश में ब्लैक मार्केट में चांदी की मांग और कीमत दोनों बढ़ गई हैं।

चांदी के बड़े निर्यातक रूस व चीन की नीतियां भी बड़ा कारण हैं। रूस ने सप्लाई कम कर दी है। चीन ने खरीदी बढ़ा दी है। अमेरिकी हितों को प्रभावित करने के लिए दोनों देशों ने चांदी को रणनीतिक रूप से नियंत्रित किया है। भारत को यूरोप से महंगी चांदी खरीदनी पड़ रही है।

देश और विदेश में निवेशकों का बढ़ता रुझान: चांदी में निवेश की मांग तेजी से बढ़ रही है। निवेशक इसे सुरक्षित संपत्ति मानकर खरीद रहे हैं, खासकर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और मुद्रास्फीति के समय। इसका असर यह हुआ कि बाजार में फिजिकल चांदी की कमी हो गई है।

पहली बार– इंदौर में चांदी की खपत 1 हजार किलो प्रतिदिन

  • मप्र सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकुम सोनी के अनुसार उन्होंने अपने 25 साल के सराफा एसोसिएशन के कार्यकाल में ऐसा हालात पहले कभी नहीं देखा। इंदौर में चांदी की खपत अब 1000 किलो प्रतिदिन से अधिक हो गई है।
  • सोनी के अनुसार, चीन के साथ मिलकर दुबई से एक बड़ा सिंडिकेट चांदी के दाम दो लाख रु./किलो तक बढ़ाने की योजना में है। सोने की कीमतों में तेजी के बाद छोटे-बड़े निवेशक अब चांदी की ओर बढ़ रहे हैं। फेस्टिवल और शादी-ब्याह के सीजन में डिलीवरी का संकट और बढ़ने की संभावना है।

सबसे बड़ा सवाल

क्या दीपावली में मूर्तियों और सिक्कों की भी कमी होगी?

^नहीं। एक सीमा तक सिक्के और मूर्तियों की कोई कमी नहीं होगी। कारण, ये पहले ही मार्केट में निकल चुके हैं। जो भी कमी है, वह बुलियन मार्केट में है। उसका असर सिक्कों के लेवल पर आने में थोड़ा समय लगेगा। वैसे अब तक मार्केट अपनी क्षमता से दस गुना अधिक पर पहुंच गया है। यानी जहां पहले एक किलो का कारोबार था, वह अब दस किलो से ऊपर पहुंच चुका है। इसके पीछे अमेरिका-चीन-रूस जैसे देशों की नीतियों के साथ स्थानीय निवेशकों को पुराने और सुरक्षित निवेश की तलाश भी है। -संजीव कुमार गर्ग (गांधी), एसके ज्वैलर्स (गांधी), भोपाल



Source link