मरीज पूछ रहे- यह सिरप सुरक्षित या नहीं: डॉक्टर बोले-कोई जान लेने के लिए दवा नहीं लिखता; आयुर्वेद विशेषज्ञ ने दिए प्राकृतिक इलाज के टिप्स – Bhopal News

मरीज पूछ रहे- यह सिरप सुरक्षित या नहीं:  डॉक्टर बोले-कोई जान लेने के लिए दवा नहीं लिखता; आयुर्वेद विशेषज्ञ ने दिए प्राकृतिक इलाज के टिप्स – Bhopal News


छिंदवाड़ा की घटना ने प्रदेश में दवा सुरक्षा को लेकर गहरा डर पैदा कर दिया है। मरीज अब डॉक्टरों से पूछ रहे हैं कि क्या ये कफ सिरप सुरक्षित हैं? पहली बार, खांसी-जुकाम जैसी सामान्य बीमारी को लेकर लोगों में इतना अविश्वास देखने को मिल रहा है।

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गांधी मेडिकल कॉलेज के श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग शर्मा ने कहा कि बच्चों की मौत ने डॉक्टरों और मरीजों के बीच विश्वास की दीवार में दरार डाल दी है। वहीं, आयुर्वेद विशेषज्ञ मानते हैं कि आधुनिकता के साथ हमने बिना जांच-परख की दवा पर भरोसा करने की आदत पाल ली है, जो अब घातक साबित हो रही है।

डॉक्टर बोले- डर बेवजह नहीं, लेकिन अधूरी जानकारी गांधी मेडिकल कॉलेज के श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग शर्मा कहते हैं कि रोजाना मेरे पास सर्दी-जुकाम की शिकायत वाले 30 से ज्यादा मरीज आते हैं। अब लगभग हर मरीज दवा लिखने से पहले पूछता है कि क्या ये वही सिरप तो नहीं जिसमें जहर मिला था?

यह डर बेवजह नहीं, लेकिन अधूरी जानकारी से पैदा हुआ है। मरीजों को समझना चाहिए कि जो बड़ी, प्रमाणित कंपनियां हैं, उनकी कफ सिरप पूरी तरह सुरक्षित हैं। ये दवाएं कठोर जांच और क्वालिटी कंट्रोल से गुजरकर बाजार में आती हैं। हां, वे थोड़ी महंगी जरूर होती हैं, लेकिन सुरक्षित हैं।

ये सिरप मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में बैन है।

कफ सिरप अस्थायी उपाय, आयुर्वेद में नॉन केमिकल इलाज अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (गोवा) के विभागाध्यक्ष डॉ. नितिन उज्जलिया मानते हैं कि बच्चों की समस्या आधुनिक जीवनशैली और कमजोर पाचन प्रणाली से जुड़ी है। आयुर्वेद कहता है कि अग्नि यानी पाचन शक्ति ही स्वास्थ्य की जड़ है।

डॉक्टर जान लेने के लिए दवा नहीं लिखते गांधी मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश टिक्कस कहते हैं कि इस समय बच्चों में खांसी-जुकाम के केस बढ़े हैं, मौसम बदलने से यह सामान्य है। लेकिन इस हादसे ने मरीज और डॉक्टर के बीच का विश्वास हिला दिया है। लोग अब दवा को शक की नजर से देखते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि कोई डॉक्टर किसी की जान लेने के लिए दवा नहीं लिखता।

खांसी बीमारी नहीं, उसका एक लक्षण श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग शर्मा बताते हैं कि असली समस्या ‘ओवर द काउंटर’ यानी बिना डॉक्टर की सलाह पर खरीदी जाने वाली दवाएं हैं। लोग मेडिकल स्टोर से सीधे सिरप खरीद लेते हैं, चाहे वो एलोपैथिक हो, आयुर्वेदिक या होम्योपैथिक।

वे भूल जाते हैं कि खांसी कोई बीमारी नहीं, बल्कि बीमारी का लक्षण है। जब तक असली कारण नहीं पहचानते, सिर्फ कफ सिरप पीते रहना शरीर के लिए हानिकारक है। डॉ. शर्मा के अनुसार, जो फॉर्मूला (जैसे कोल्ड्रिफ) बच्चों में इस्तेमाल हुआ, वो पहले से छोटे बच्चों के लिए नहीं है।



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