अशोकनगर जिले के मुंगावली में शनिवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया। कार्यक्रम में उन्होंने इन कार्यकर्ताओं के समर्पण और सेवा भावना की सराहना की तथा उन्हें केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जीवन
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सिंधिया ने कहा कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वास्तव में ‘हर घर की पहली दुआ’ और ‘गांव में बच्चों के पहले कदमों की मार्गदर्शक’ हैं। उन्होंने नवजात शिशुओं के टीकाकरण, गर्भवती माताओं को अस्पताल पहुंचाने, और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार में उनकी अहम भूमिका की सराहना की।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार इन कार्यकर्ताओं को दोनों बीमा योजनाओं के तहत 4 लाख रुपए का मुफ्त बीमा सुरक्षा कवच प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संवेदनशील सोच का परिणाम है, जो देश की नारी शक्ति के सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है।
सिंधिया ने यह भी याद दिलाया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2022 में भारत की आशा कार्यकर्ताओं को ‘ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवॉर्ड’ से सम्मानित किया था, जिससे उनकी सेवा भावना को वैश्विक पहचान मिली।
इस मौके पर उन्होंने अपनी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा, “जो हाथ एक शिशु के पालने को झुला सकते हैं, वही हाथ विश्व पर राज भी कर सकते हैं।” इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बताया कि उनकी निजी पहल से अशोकनगर में 929 बेटियों के सुकन्या समृद्धि योजना के खाते खुलवाए गए हैं, ताकि उन्हें शिक्षा, विवाह, उद्यम या व्यापार के हर चरण पर आर्थिक स्वावलंबन मिल सके।
सिंधिया ने अपने भाषण में कहा, “आपकी मुस्कान ही भारत की प्रेरणा है।” उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं की मेहनत से देशभर में 18 लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित हुए हैं और 6.5 करोड़ से अधिक महिलाओं को लाभ मिला है। उन्होंने कहा, “हर आशा बहन, हर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, हर मां और बेटी भारत की शक्ति है। हम सब मिलकर हर बेटी को उसके सपनों की उड़ान देंगे, हर मां को सम्मान देंगे, और हर बहन को आत्मनिर्भर बनाएंगे। यही सच्चा नारी सशक्तिकरण है, यही नए भारत का स्वरूप है।”

