संबोधित करते जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष राकेश शर्मा।
रतलाम जिला अभिभाषक संघ ने न्यायिक सेवा की तैयारी कर रहे युवा वकीलों के लिए एक सराहनीय पहल की है। अब सिविल जज परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को निशुल्क कोचिंग दी जाएगी, जिसमें हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज और अनुभवी न्यायिक अधिकारी कक्षाएं लेंगे।
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इस प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीना आशा पुरे के मुख्य आतिथ्य में किया गया। कार्यक्रम में स्टेट बार सदस्य जय हार्डिया, कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रामजी गुप्ता, विशेष न्यायाधीश रुग्नाथ सिंह चुंडावत और संघ के अध्यक्ष राकेश शर्मा मौजूद रहे।
अभिभाषकों की प्रतिभा को तराशने का प्रयास
अध्यक्ष राकेश शर्मा ने बताया कि यह कोचिंग पूरी तरह से निशुल्क रहेगी और इसका उद्देश्य है अभिभाषक परिवार की प्रतिभाओं को न्यायिक सेवा के लिए तैयार करना। उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल परीक्षा की तैयारी में मदद करेगा, बल्कि प्रतिभागियों को न्यायिक व्यवस्था की गहराई से समझ भी देगा।
100 से अधिक अभ्यर्थियों ने कराया पंजीयन
शिविर में अब तक 100 से अधिक अभिभाषकों ने पंजीयन कराया है। कोचिंग की मुख्य जिम्मेदारी एडवोकेट रोहित शर्मा निभा रहे हैं। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जज नीना आशा ने इसे एक अनूठी और अनुकरणीय पहल बताया। उन्होंने कहा कि रतलाम न्यायालय में मौजूद अनुभवी न्यायिक अधिकारियों से सीखकर प्रतिभागियों को उत्कृष्ट मार्गदर्शन मिलेगा।
मप्र में पहली बार ऐसा शिविर
स्टेट बार सदस्य जय हार्डिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में रतलाम पहला जिला है जहां जिला अभिभाषक संघ इस तरह की उच्च स्तरीय कार्यशाला आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट अरुण सिंह ठाकुर और अतुल श्रीवास्तव ने सिविल जज परीक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी, जिसमें परीक्षा प्रवेश प्रक्रिया और पाठ्यक्रम से जुड़े बिंदु शामिल थे।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर संघ के सह सचिव विरेंद्र कुलकर्णी, कोषाध्यक्ष राजेंद्र सिंह पंवार, पुस्तकालय सचिव सुनीता वासनवाल और अन्य कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सचिव चेतन केलवा ने किया और दिव्या शर्मा ने आभार व्यक्त किया।