‘राजा’ साहब की बंद कमरा मीटिंग से पार्टी में खलबली: ‘महाराज’ बोले- भई मैं तो पत्नीव्रता हूं; थानेदार के कारण सत्ताधारी दल में कलह – Madhya Pradesh News

‘राजा’ साहब की बंद कमरा मीटिंग से पार्टी में खलबली:  ‘महाराज’ बोले- भई मैं तो पत्नीव्रता हूं; थानेदार के कारण सत्ताधारी दल में कलह – Madhya Pradesh News


विरोधी दल में कभी एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाने वाले नेता अब खुलकर गले मिल रहे हैं। बात ‘राजा’ साहब और विरोधी दल के विधायकों के लीडर की हो रही है।

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हाल ही में ‘राजा’ साहब खुद चलकर इन लीडर से मिलने इनके घर पहुंचे। दोनों के बीच बंद कमरे में अकेले में करीब आधे घंटे की बात हुई। अब इस मुलाकात ने अपनी ही पार्टी में खलबली मचा दी है। कुछ नेताओं को टेंशन में ला दिया है।

लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। यह मुलाकात विरोधी दल की राजनीति में नई केमिस्ट्री की ओर इशारा कर रही है। अब ये क्या रंग लाती है। ये तो आने वाला समय ही बताएगा।

बेटे ने कर दिया पूर्व मंत्री के संन्यास का ऐलान नर्मदा पट्‌टी के एक जिले में सत्ताधारी दल के एक पूर्व मंत्री के बेटे ने उनके संन्यास का ऐलान कर दिया। बेटे ने सोशल मीडिया पर लिखा- कल अपने जन्मदिन पर मेरे पिता पूर्व मंत्री राजनीति से संन्यास लेने का खुद ऐलान करेंगे।

छोटे बेटे की इस पोस्ट पर खूब बवाल मचा तो बडे़ बेटे ने सफाई दी। कहा कि छोटे भाई का सोशल मीडिया अकाउंट हैक हुआ है। पिता के संन्यास की बात भ्रामक है। इसके बाद फिर छोटे भाई ने लिख दिया कि मेरा अकाउंट हैक नहीं हुआ है। कल सबको पता लग जाएगा।

हालांकि, ऐसा कुछ हुआ नहीं। लेकिन नेता जी के फोन घनघना उठे। नेता जी के बेटे ने अच्छा खासा बर्थडे टेंशन डे में बदल दिया।

‘राजा’ ने बेटे की ब्रांडिंग के लिए एजेंसी हायर की? बात राजा साहब की है। सुना है वे एक बार फिर पुत्र मोह में नजर आए। दरअसल, ऐसी खबर उड़ी कि राजा साहब ने अपने विधायक बेटे की ब्रांडिंग के लिए एक कंपनी हायर की है। जो उनके विधायक बेटे की छवि निखारने का काम करेगी।

हालांकि खुद राजा साहब ने इस खबर को फर्जी बताया। कहा- इमेज बिल्डिंग का काम दूसरे नेता करते होंगे… हम तो जनता के बीच रहकर काम करते हैं।

महाराज बोले– पतिव्रता नहीं पत्नीव्रता​​​​ राजा हो या महाराजा.. पत्नी का हुक्म तो मानना ही पड़ता है। फिर क्या था, महाराज पहुंच गए महारानी की पसंदीदा मिठाई लेने। लोगों ने पूछा तो कहा- धर्मपत्नी का आदेश है मानना तो पड़ेगा। उन्होंने खुद को पत्नीव्रता बताया।

दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान महाराज की पत्नी ने यहां की कूमड़ापाक नाम की मिठाई खाई थी। जो उन्हें इतनी पसंद आई कि वे इसे पैक कराकर भी ले गई थी। अब महाराज जब फिर से इस क्षेत्र के दौरे पर आए तो पत्नी के कहने पर उनकी पसंदीदा मिठाई पैक करा ली। इतना ही नहीं वे दुकानदार से कह गए कि फोन आए तो बता देना मैं खुद आया था, किसी को भेजा नहीं।

थानेदार के कारण विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष में ठनी महाराज के इलाके में सत्ताधारी दल के एक विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष आमने–सामने हैं। इस जंग की वजह एक महिला थानेदार हैं। बताया जा रहा है कि विधायक जी की बहू थाना प्रभारी हैं। वह जिला पंचायत अध्यक्ष की बात नहीं सुनती हैं। अध्यक्ष जी ने सीएम को लेटर लिखा। इसमें थाना प्रभारी पर जुआ सट्‌टा चलवाने और जमीन कब्जाने के लिए लोगों को परेशान करने के आरोप लगाए हैं।

बता दें कि विधायक जी अविवाहित हैं। थाना प्रभारी उनके भतीजे की पत्नी हैं। विधायक जी ने इस मामले पर अध्यक्ष जी पर पलटवार करते हुए कहा कि सारे आरोप गलत हैं। जिनके घर कांच के बने होते हैं वो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते। लोगों के मंसूबे पूरे नहीं हो पाए। मैं अपनी बात उचित फोरम पर उठाऊंगा।

इधर, थानेदार के चक्कर में सत्ताधारी दल में मची लड़ाई पर विपक्ष मजे ले रहा है।

कमिश्नर छुट्‌टी गए, प्रभारी कमिश्नर ने नोटिस थमाया विन्ध्य के एक बड़े जिले की कलेक्टर ने प्रभारी कमिश्नर के रूप में जिला पंचायत का निरीक्षण किया और सीईओ जिला पंचायत को नोटिस थमा दिया। वैसे तो कलेक्टर को जिले में हर दफ्तर के निरीक्षण और नोटिस देने की कार्रवाई करने का अधिकार है। लेकिन नोटिस देने वाले अफसर ने कलेक्टर के रूप में नहीं बल्कि प्रभारी कमिश्नर के रूप में निरीक्षण किया और नोटिस थमाया। इसलिए यह चर्चा का विषय बन गया है।

बता दें कि यहां के कमिश्नर दीपावली तक के लिए छुट्‌टी पर हैं। इसलिए कलेक्टर को प्रभारी कमिश्नर का चार्ज जिस दिन मिला, उसी दिन निरीक्षण के बाद नोटिस जारी हो गया।

आलाकमान के दौरे की खबर से एक्शन में नेताजी राजनीति में नेताजी अपने दौरों का प्लान मौसम की तरह बदलते रहते हैं। छिंदवाड़ा को ‘विकास का मॉडल’ बताने वाले एक नेताजी इन दिनों पिक्चर से गायब हैं। खांसी की दवा पीने के बाद 25 बच्चों की मौत हो गई, लेकिन उनके कंठ से एक शब्द बाहर नहीं आया। कफ सिरप कांड में जब जांच टीमें लगीं, प्लांट सील हुआ, मीडिया ने गांव-गांव जाकर हकीकत दिखाई तब उनका न ट्वीट दिखा, न बेटे का बयान।

उनकी गैरहाजिरी और मौन पर अपनी ही पार्टी में तरह-तरह की बातें होने लगीं। इसी बीच आलाकमान के दौरे का प्लान बनने लगा। खबर मिलते ही विकास मॉडल वाले नेताजी भी अपने दौरे का प्लान बना रहे हैं।

बता दें, उनके दौरों का दौर इस तरह उन दिनों कभी लेट नहीं हुआ, जब वोटर आंख मूंदकर जिताते आए। अब सियासी तस्वीर जुदा है तो नेताजी की तासीर भी बदली-बदली सी लग रही है।

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राजनीति मतलब भौकाल। नेताओं की आदत होती है, लाव लश्कर साथ लेकर चलने की। कहीं से बुलावा आ जाए तो पूरी टोली साथ निकलती है। लेकिन, इसी आदत के कारण विरोधी दल के एक नेता जी की बेइज्जती हो गई। पूरी खबर पढ़ें..



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