उज्जैन में दशहरा पर्व पर निकलने वाली सवारी मार्ग बदलने पर शनिवार को वीएचपी और बजरंगदल ने महाकाल मंदिर प्रशासक के कार्यालय में पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। लेकिन इस दौरान बड़ी संख्या में आए कार्यकर्ताओं ने मंदिर की बैरिकेडिंग तोड़कर करीब 50 दोपहिया वाहनों से
.
2 अक्टूबर को महाकाल मंदिर से निकली सवारी का रूट बदलने को लेकर हुए हंगामे के करीब 9 दिन बाद, शनिवार को वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ता दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बाइक से महाकाल मंदिर पहुंचे।
सभी महाकाल लोक के नीलकंठ द्वार से अंदर प्रवेश कर गए। यहां लगे सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड अपनी बाइक से हटा कर महाकाल लोक में प्रवेश किया और भारत माता मंदिर की ओर से मंदिर प्रशासक के कार्यालय तक पहुंच गए।
जिस रास्ते से वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ता अपनी बाइक लेकर महाकाल लोक में घुसे, वहां अब किसी भी अधिकारी की गाड़ी नहीं जाती। कार्यकर्ताओं ने एसडीएम एलएन गर्ग को ज्ञापन देते हुए सवारी मार्ग बदलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
वीएचपी के प्रांत प्रमुख बोले- मंदिर का व्यवसायीकरण नहीं होना चाहिए
वीएचपी के प्रांत प्रमुख महेश तिवारी ने बताया कि हम नहीं चाहते थे कि मंदिर में इस तरह का एकत्रीकरण हो, लेकिन जब से महाकाल लोक बना है, तभी से मंदिर में मनमानी चल रही है। यहां खुदाई में मिले 1000 वर्ष पुराने मंदिर को दबा दिया गया, सती माता का मंदिर हटा दिया गया, सवारी मार्ग का रूट बदल दिया गया और यह सब किसी नेता के दबाव में किया गया। हम चाहते हैं कि मंदिर का व्यवसायीकरण न किया जाए।
एसडीएम एलएन गर्ग ने बताया कि पहले से इस मामले में जांच चल रही है। कलेक्टर इस पर फैसला करेंगे। आज वीएचपी और बजरंग दल ने ज्ञापन दिया है।