शहडोल में माइंस में डम्पर-डोजर दलदल में धंसे: साढ़े 4 घंटे से ड्राइवर लापता, बचाव के लिए NDRF को बुलाया, दो कर्मचारी घायल – Shahdol News

शहडोल में माइंस में डम्पर-डोजर दलदल में धंसे:  साढ़े 4 घंटे से ड्राइवर लापता, बचाव के लिए NDRF को बुलाया, दो कर्मचारी घायल – Shahdol News


शहडोल में एसईसीएल के सोहागपुर क्षेत्र अंतर्गत अमलाई ओपन कास्ट माइंस में मिट्टी धंसने से एक डम्पर और एक डोजर करीब 50 मीटर गहरे दलदल में समा गए। इस घटना में ठेका कंपनी आरकेटीसी के ट्रक चालक अनिल कुशवाहा (निवासी मऊगंज) लापता हो गए, जबकि दो कर्मचारी प्रद

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जानकारी के अनुसार, यह हादसा शनिवार शाम करीब 6 बजे हुआ। ठेका कंपनी आरकेटीसी का भारत बेन्ज डम्पर नंबर-10 मिट्टी अपलोड कर रहा था और पास में एक डोजर मिट्टी फैला रहा था। तभी अचानक ओवी डम्पिंग क्षेत्र की मिट्टी धंस गई, जिससे दोनों वाहन गहराई में समा गए। मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया। सिप्ट इंचार्ज मुनीम यादव को मिट्टी हटाकर बाहर निकाल लिया गया।

हालांकि, डम्पर ऑपरेटर अनिल कुशवाहा का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। घायल कर्मचारियों को इलाज के लिए भेजा गया है।

कर्मचारियों ने कंपनी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया

स्थानीय कर्मचारियों ने इस हादसे के लिए कंपनी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि आरकेटीसी की गाड़ियां तकनीकी रूप से अनफिट थीं और उन्हें बिना पर्याप्त दबाव के काम में लगाया जा रहा था। साथ ही पानी भरे डम्पिंग क्षेत्र में बिना उचित निरीक्षण और सुरक्षा इंतजामों के भारी वाहनों को भेजा गया, जिसके कारण यह गंभीर हादसा हुआ।

मौके ऑपरेटर को तलाश करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

पुलिस मौके पर पहुंची, एनडीआरएफ को बुलाया है

घटना की सूचना मिलते ही एसईसीएल के अधिकारी और धनपुरी थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। थाना प्रभारी खेम सिंह ने बताया कि क्षेत्र को घेरकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया है। मिट्टी और दलदल की गहराई को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को भी सूचित किया गया है।

एनडीआरएफ की टीम रात में घटनास्थल पर पहुंचकर गहराई में फंसे डम्पर और लापता ऑपरेटर की तलाश शुरू करेगी।

10 साल पहले भी हो चुका हादसा

दरअसल, अमलाई क्षेत्र में लगभग 10 साल पहले भी इसी तरह का एक हादसा हुआ था, जब भारी वाहन दलदल में धंस गए थे और ऑपरेटरों को निकालना संभव नहीं हो सका था। कर्मचारियों ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने और खदानों में कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी और तकनीकी जांच प्रणाली लागू करने की मांग की है।



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