शहर में शुरू किए गए नगर निगम के कचरा कैफे अब लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। दस नंबर, बोट क्लब और बिट्टन मार्केट स्थित तीनों कैफे में हर दिन बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। रोजाना करीब 50 से अधिक लोग यहां पहुंचकर अपना कचरा देकर खाने-पीन
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यहां मिलने वाले उत्पाद अब सिर्फ चाय-नाश्ते तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ग्रॉसरी के सामान जैसे आटा, रवा, मैदा, मिलेट्स प्रोडक्ट भी शामिल हो गए हैं। मालूम हो कि 10 नंबर का कचरा कैफे मंगलवार को, बिट्टन मार्केट वाला बुधवार और बोट क्लब वाला सोमवार को बंद रहता है।
क्या-क्या दे सकते हैं... पुराने कपड़े, पेपर, इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट, किताबें, प्लास्टिक, लोहा, तांबा, पीतल, टायर, बैटरी सहित 19 तरह का सामान दे सकते हैं। वजन के आधार पर राशि आपके कचरा कैफे मोबाइल एप वॉलेट में ट्रांसफर की जाती है। नकद भुगतान नहीं होता। यह राशि बाद में भी इस्तेमाल की जा सकती है।
गाड़ी की सुविधा भी: ज्यादा सामान के लिए 9300050071, 9826806234 पर कॉल कर निगम की गाड़ी बुला सकते हैं। शर्त यह है कि 3 से 4 घर के लोग कबाड़ देना चाहते हों।
इन पर यह सुविधा
दस नंबर कैफे: यह पहला सेंटर है, जहां रोज 20 से ज्यादा लोग पहुंचने लगे हैं।
बोट क्लब कैफे: फुल क्षमता से चल रहा है। यहां स्टॉक लगातार बदलता है।
बिट्टन मार्केट कैफे: ग्रॉसरी और दीपावली के सजावटी आइटम भी रखे जा रहे हैं।
स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए आचार, पापड़, बरी, मिट्टी के सामान, कोकोनट के उत्पाद, कपड़ों की ज्वेलरी, मिलेट्स और मिलेट्स से बने केक भी यहां मिल रही हैं। गणेश उत्सव में रखी गई 100 से ज्यादा गणेश प्रतिमाएं भी बिक चुकी हैं।