गांधी नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था में एक और गड़बड़ी सामने आई है। सहकारिता विभाग ने इंदौर के उप अंकेक्षक आशीष सेठिया के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की है। आरोप है कि सेठिया ने जांच रिपोर्ट पर नरमी बरतकर अपने ही परिवार को लाभ पहुंचाया। संस्था से अपने भाइय
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जांच में गड़बड़ी मिलीं, फिर भी कार्रवाई नहीं गांधी नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था को लेकर सहायक आयुक्त जी.एस. परिहार की जांच रिपोर्ट में सदस्यता सूची, भूखंड आवंटन, पंजीयन और संस्था के रिकॉर्ड में भारी गड़बड़ियां पाई गई हैं। रिपोर्ट में यह भी दर्ज था कि संस्था का 2011 के बाद से अंकेक्षण तक नहीं कराया गया।
लेकिन जब पालन प्रतिवेदन तैयार करने की बारी आई तो उप अंकेक्षक आशीष सेठिया ने रिपोर्ट की गंभीर आपत्तियों पर आंशिक सहमति की टीप लिख दी। इससे जिम्मेदार पदाधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं हो सकी। सेठिया से 15 दिन में जवाब मांगा है।
सेठिया के खिलाफ 11 दस्तावेज व 4 गवाह
विभाग ने सेठिया के खिलाफ जांच के लिए 11 दस्तावेज और 4 गवाहों की सूची तैयार की है।
- धारा 59 की जांच रिपोर्ट (8 दिसंबर 2020)
- उप आयुक्त का आदेश (22 अक्टूबर 2015)
- पालन प्रतिवेदन (अप्रैल 2023)
- सेठिया का परीक्षण प्रतिवेदन (6 मार्च 2024)
- उनका कथन (18 नवंबर 2024)
गवाहों में सहायक आयुक्त जी.एस. परिहार, और उप आयुक्त कार्यालय के प्रभारी अधिकारी शामिल हैं।
जांच अधिकारी के अनुसार- पद का दुरुपयोग कर परिवार को लाभ दिलाया नोटिस के अनुसार, सेठिया प्रबंधक के साथ अपने परिवार को फायदा पहुंचाया। उनके दोनों भाई प्रभात और सुनील सेठिया ने 2014 में संस्था से 500 और 531 नंबर प्लॉट खरीदे। सेठिया 10 मार्च 2024 को कार्यालय पहुंचे और नामांतरण व कब्जे के बारे में चर्चा की। संस्था का रिकॉर्ड 2013 में पुलिस ने जब्त कर लिया था, फिर भी 2014-15 में नई रसीद बुक से भूखंड के नामांतरण और रसीदें जारी कर दी गईं।
भास्कर नॉलेज- क्या है धारा 59? म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधि. 1960 की धारा 59 में यदि किसी संस्था में गड़बड़ियां पाई जाती हैं तो विभाग जांच अधिकारी नियुक्त कर सकता है। उसकी रिपोर्ट पर कार्रवाई की जाती है। इस मामले में रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। आयुक्त सहकारिता मनोज पुष्प ने कहा, सेठिया का जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो विभागीय जांच करेंगे। सेठिया ने कोई बात नहीं की।