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Mahalakshmi Temple In Khargone: देश के चार पुरातन (प्राचीन) महालक्ष्मी मंदिरों में ऊन का यह मंदिर शामिल है. अन्य तीन मंदिर मुंबई और कोल्हापुर (महाराष्ट्र) तथा भरमौर (हिमाचल प्रदेश) में स्थित हैं. ऊन का मंदिर विशेष इसलिए भी माना जाता है. क्योंकि यहां देवी महालक्ष्मी कमल पर विराजमान हैं. दिवाली के समय देशभर से लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन और धन-समृद्धि की कामना के लिए आते हैं.
Mahalakshmi Temple In Khargone: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले का ऊन गांव अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. यह जगह खजुराहो के मंदिरों की तरह ही अपनी प्राचीन परमार कालीन धरोहरों के लिए जानी जाती है. इसी गांव में स्थित महालक्ष्मी मंदिर देश के चार सबसे पुराने महालक्ष्मी मंदिरों में से एक है. जहां दिवाली के समय देशभर से लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन और धन-समृद्धि की कामना के लिए आते हैं.
भारत के चार पुरातन मंदिरों में से एक
देश के चार पुरातन (प्राचीन) महालक्ष्मी मंदिरों में ऊन का यह मंदिर शामिल है. अन्य तीन मंदिर मुंबई और कोल्हापुर (महाराष्ट्र) तथा भरमौर (हिमाचल प्रदेश) में स्थित हैं. ऊन का मंदिर विशेष इसलिए भी माना जाता है क्योंकि यहां देवी महालक्ष्मी कमल पर विराजमान हैं. भक्तों का मानना है कि माता के दर्शन और पूजा-अर्चना से धन-समृद्धि में वृद्धि होती है. महालक्ष्मी पूजन के दिन यहां दर्शन का विशेष महत्व है.
सुबह 4 बजे से आने लगते हैं भक्त
गौरतलब है कि, दिवाली के मौके पर मंदिर में विशेष सजावट और आयोजन किए जाते हैं. काली चौदस की रात हवन और यज्ञ का आयोजन होता है. अगले दिन सुबह चार बजे से मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं. इस समय मंदिर फूलों, रंग-बिरंगी लाइटों और दीपों से जगमगाता है. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ में लोग माता के दर्शन करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं.
1000 साल पुराना है मंदिर
पुरातत्व विभाग के अनुसार, देवी महालक्ष्मी की यह प्रतिमा लगभग 1000 साल पुरानी है. मंदिर परिसर में कई अन्य परमार कालीन मंदिर भी हैं. खजुराहो के मंदिरों के समकालीन होने के कारण यह स्थल इतिहास प्रेमियों के लिए भी आकर्षक है. यहां दर्शन करने से न केवल धार्मिक संतोष मिलता है बल्कि भारतीय स्थापत्य कला और प्राचीन संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है.
कैसे पहुंचे महालक्ष्मी मंदिर:
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा इंदौर का देवी अहिल्या बाई होल्कर एयरपोर्ट, जो लगभग 150 किमी दूर है.
रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन खंडवा जंक्शन (87 किमी) और सनावद मीटर गेज स्टेशन (70 किमी).
सड़क मार्ग: ऊन, खरगोन से 18 किमी की दूरी पर है और इसे इंदौर, बड़वानी, धार, खंडवा और बुरहानपुर से सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है.
Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें
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