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Satna News: डेयरी बिजनेस न सिर्फ पशुपालकों के लिए बल्कि बेरोजगार युवाओं के लिए भी एक स्थायी आय का जरिया बन सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि दो मुर्रा भैंसों से हर दिन औसतन 20 लीटर दूध मिल सकता है. अगर इसे बाजार दर पर बेचा जाए, तो हर माह अच्छी कमाई संभव है.
सतना. बघेलखंड के साथ-साथ पूरे मध्य प्रदेश के पशुपालकों और आम नागरिकों के लिए एक सुनहरा मौका है. सबसे ज्यादा दूध देने के लिए जानी जाने वाली मुर्रा नस्ल की भैंस अब आपको आधे दाम में मिल सकती है. जी हां, सरकार की मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना के तहत लोग बेहद कम लागत में डेरी व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में लोगों को आत्मनिर्भर बनाना और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है. योजना के जरिए राज्य सरकार अब पशुपालन को एक मजबूत उद्योग के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है. मध्य प्रदेश सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत लाभार्थियों को मुर्रा नस्ल की दो उच्च उत्पादन वाली भैंसें उपलब्ध कराई जाती हैं. मुर्रा नस्ल को दुनिया की सबसे बेहतरीन दुग्ध उत्पादक नस्लों में गिना जाता है. योजना की खास बात यह है कि सरकार इन भैंसों की कुल लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा सब्सिडी के रूप में वहन करती है, जिससे आम नागरिकों को केवल आधी लागत पर डेयरी शुरू करने का मौका मिलता है.
कोई भी नागरिक ले सकता है लाभ
इस योजना में केवल किसान ही नहीं बल्कि कोई भी आम नागरिक आवेदन कर सकता है. योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्ति को अपने नजदीकी पशु चिकित्सा कार्यालय में जाकर आवेदन करना होगा. सामान्य वर्ग के आवेदकों को ₹1,47,000 जमा करने होंगे, जिसके बदले उन्हें दो मुर्रा भैंसें मिलेंगी. अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के आवेदकों को मात्र ₹73,000 का भुगतान करना होगा. शेष राशि राज्य सरकार सब्सिडी के रूप में देती है.
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, बैंक पासबुक, निवास प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं. ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसके लिए आप mp.gov.in पोर्टल पर जाकर प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. योजना ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर सीमित बजट में संचालित की जा रही है.
डेयरी व्यवसाय बनेगा स्थायी कमाई का जरिया
डेयरी व्यवसाय न सिर्फ पशुपालकों के लिए बल्कि बेरोजगार युवाओं के लिए भी एक स्थायी आय का स्रोत बन सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि दो मुर्रा भैंसों से प्रतिदिन औसतन 20 लीटर दूध प्राप्त हो सकता है. यदि इसे बाजार दर पर बेचा जाए, तो हर महीने बढ़िया कमाई संभव है. सतना के कई युवाओं ने इस योजना का लाभ लेकर डेयरी यूनिट शुरू की है. स्थानीय स्तर पर दूध की बढ़ती मांग और सरकारी सहायता के चलते डेयरी उद्योग तेजी से मजबूत हो रहा है.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.