बुरहानपुर में शनिवार को सूफी संत आबिद अली बन्ने शाह के वार्षिक उर्स के अवसर पर किन्नर समाज की ओर से पारंपरिक संदल यात्रा निकाली गई। इस दौरान किन्नरों ने मजार पर चादर चढ़ाकर जिले में सुख, शांति और समृद्धि की दुआ मांगी।
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ढोल-ताशों के साथ निकली शोभायात्रा
संदल यात्रा की शुरुआत आलमगंज क्षेत्र से हुई, जिसमें किन्नर ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते-गाते हुए शामिल हुए। यात्रा का माहौल पूरी तरह से श्रद्धा, उत्साह और रंग-बिरंगे परिधानों से भरा हुआ था। यह शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आबिद अली बन्ने शाह की मजार पर पहुंची।
पचास साल पुरानी परंपरा
किन्नर नरगिस बाई ने बताया कि यह धार्मिक यात्रा पिछले करीब 50 वर्षों से निरंतर निकाली जा रही है। यह संदल आलमगंज सिंधीपुरा से प्रारंभ होकर बुधवारा, कोतवाली, फव्वारा चौक, गांधी चौक, सुभाष चौक, पाला बाजार और गणपति नाका होते हुए मजार तक पहुंचता है।

अन्य शहरों से भी पहुंचे किन्नर
इस उर्स में भाग लेने के लिए बुरहानपुर के साथ-साथ देश के अन्य शहरों से भी बड़ी संख्या में किन्नर समुदाय के लोग पहुंचे थे। संदल यात्रा और चादरपोशी के दौरान पूरे क्षेत्र में धार्मिक वातावरण और आपसी भाईचारे की मिसाल देखने को मिली।
