दिल्ली टेस्ट के दूसरे दिन यशस्वी जायसवाल के बाद दोहरा शतक पूरा करने का शानदार मौका था, लेकिन वह पिछले दिन के अपने स्कोर में सिर्फ दो ही रन जोड़ पाए और 175 रन बनाकर रनआउट हो गए. यशस्वी का रनआउट होना फैंस को कतई हजम नहीं हुआ और उन्होंने शुभमन गिल को इसका जिम्मेदार बताया. हालांकि, पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की इसे लेकर राय कुछ और है. कुंबले के मुताबिक यशस्वी ने खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली. उनका कहना है कि यह यशस्वी की गलती थी.
कुंबले ने जायसवाल की बताई गलती
अनिल कुंबले ने कहा कि यह जायसवाल की गलती थी. स्टार स्पोर्ट्स पर लंच के समय कुंबले ने कहा, ‘यह यशस्वी जायसवाल की गलती थी. वह नॉन-स्ट्राइकर एंड तक भी नहीं पहुंच पाते क्योंकि गेंद सीधे मिड-ऑफ फील्डर के पास गई थी. कोई मौका ही नहीं था. एकमात्र संदेह यह था कि जब गिल्लियां हटाई गईं, तब क्या कीपर का गेंद पर पूरा नियंत्रण था. लेकिन अंपायर ने इसे तीसरे अंपायर के पास भेजा भी नहीं, और यह मेरे लिए थोड़ा आश्चर्य की बात थी.’
उन्होंने आगे कहा, ‘आज उनका दृष्टिकोण थोड़ा अलग था. मैंने सोचा था कि वह कल सुबह के पहले सेशन की मानसिकता में वापस जाएंगे, लेकिन उन्होंने वहीं से जारी रखा जहां उन्होंने कल शाम को छोड़ा था. यह मेरे लिए थोड़ा आश्चर्य की बात थी. वह एक लंबी पारी के लिए तैयार थे.’
कैसे रन आउट हुए यशस्वी?
दूसरे दिन के पहले ही ओवर में ऐसा हुआ. जायसवाल ने जेडन सील्स की गेंद को मिड-ऑफ फील्डर की तरफ ड्राइव किया और एक तेज सिंगल के लिए दौड़ पड़े. दूसरी छोर पर मौजूद बल्लेबाज शुभमन गिल ने जोखिम को भांपते हुए रन लेने से मना कर दिया. जायसवाल को यह बात देर से समझ आई और वह समय पर वापस स्ट्राइकर एंड पर नहीं पहुंच पाए. वेस्टइंडीज के विकेटकीपर तेविन इमलाच को तगेनारिन चंद्रपॉल से थ्रो मिला और उन्होंने समय रहते गिल्लियां बिखेर दीं.
इस पूर्व क्रिकेटर ने दोनों को ठहराया जिम्मेदार
वेस्टइंडीज के पूर्व सलामी बल्लेबाज डैरेन गंगा की राय अलग थी. उनके अनुसार इस आउट के लिए जायसवाल और गिल दोनों जिम्मेदार थे. गंगा ने कहा, ‘एक बल्लेबाज के तौर पर, कभी-कभी जब आप शॉट खेलने के बाद दौड़ रहे होते हैं, तो आपको लगता है कि आप इसे पूरा कर सकते हैं. जायसवाल के साथ भी ऐसा ही हुआ. उन्हें लगा कि वह पहले से ही गति में हैं और दूसरी छोर पर पहुंच सकते हैं. लेकिन जब मैं रिप्ले देखता हूं, तो मुझे लगा कि यह 50-50 था. यह एक जोखिम था जो उन्हें नहीं लेना चाहिए था, खासकर नए दिन की शुरुआत में जब वह अच्छी तरह से सेट थे.’