नई दिल्ली. हरजस सिंह भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर हैं. इस होनहार क्रिकेटर ने वनडे मुकाबले में तिहरा शतक जड़कर इतिहास कायम किया है. हरजस ने ट्रिपल सेंचुरी के दौरान 35 छक्के जड़े. कई गेंदें जो बाउंड्री के बाहर छक्के के लिए गईं, वो दोबारा वापस नहीं आईं. लगभग 2000 डॉलर का उन्होंने नुकसान कर दिया. हरजस ने इस दौरान 120 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ डाला. बाएं हाथ के बल्लेबाज हरजस पिछले साल अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल में इंडिय अंडर-19 के खिलाफ 55 रनों की तूफानी पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 टीम के शीर्ष स्कोरर रहे थे. उनकी इस पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 14 साल बाद पहली बार अंडर-19 खिताब जीता था.
हरजस सिंह ने छक्के मारने के दौरान खो दी कई गेंदें.
हरजस सिंह (Harjas Singh) ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘मेरे साथ खेलने वलो ज्यादातर खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया ए के लिए खेल रहे हैं या ऑस्ट्रेलियाई टीम में हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. हर किसी का अपना सफर, अपना रास्ता, अपना समय होता है.’ 20 वर्षीय इस खिलाड़ी ने कहा कि मुझे लगता है कि इसका श्रेय उन सभी को जाता है. उन्होंने बहुत मेहनत की है. हर किसी का समय अलग होता है. आप 25 साल की उम्र में भी पेशेवर बन सकते हैं, या 27 साल की उम्र में, या फिर 16 साल की उम्र में भी. जैसे सचिन (तेंदुलकर) जैसे कुछ महान खिलाड़ी.’
141 गेंदों पर नाबाद 314 रन बनाए
पिछले सप्ताह हरजस सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के घरेलू वनडे क्रिकेट ग्रेड टूर्नामेंट न्यू साउ वेल्स प्रीमियर चैंपियनशिप में 141 गेंदों पर नाबाद 314 रनों की शानदार पारी खेली.इस दौरान उनके बल्ले से 35 छक्के निकले थे. हरजस की ट्रपिल सेंचुरी के दम पर उनके क्लब वेस्टर्न सबर्ब्स ने एशफील्ड के प्रैटन पार्क में सिडनी क्रिकेट क्लब के खिलाफ 5 विकेट पर 483 रन बनाए. वेस्टर्न सबर्ब्स ने इस मुकाबले को 186 रनों से जीता. 11वें ओवर में नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने आए 20 वर्षीय हरजस ने 35वें ओवर में अपना शतक पूरा किया. इस मील के पत्थर तक पहुंचने के लिए उन्हें सिर्फ 74 गेंदें खेलनी पड़ीं. इसके बाद उन्होंने अपना गियर बदला और अपनी अगली 67 गेंदों पर 214 रन ठोक दिए.
यह पारी एनएसडब्ल्यू प्रीमियर प्रथम श्रेणी के इतिहास में तीसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बन गया और एक पारी में सर्वाधिक छक्कों का 124 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया. इससे पहले 1903 में विक्टर ट्रंप ने 335 और 2007 में फिल जैक्स ने 321 रन की पारी खेली थी, लेकिन हरजस से इनमें से सबसे तेज तिहरा शतक जड़ा. उनके नाम अब एक नया विश्व रिकॉर्ड दर्ज हो चुका है.
हरजस बोले- शतक के बाद सभी गेंदों पर छक्के जड़ना चाहता था
बाद में हरजस को बताया गया कि उनके इन छक्कों की वजह से लगभग 2000 डॉलर की क्रिकेट गेंदें गायब हो गईं. उन्होंने कहा कि सच कहूं तो मुझे नहीं पता कि मैंने वो रन और छक्के कैसे लगाए.शतक के बाद मेरा इरादा बस हर गेंद पर छक्का मारने का था.हरजस का कहना है कि ऑस्ट्रेलियाई प्रीमियर फर्स्ट ग्रेड क्रिकेट बेहद प्रतिस्पर्धी है और यहीं पर खिलाड़ी शेफील्ड शील्ड टीमों के लिए अनुबंध अर्जित करते हैं और बिग बैश लीग (बीबीएल) फ्रेंचाइजी का ध्यान आकर्षित करते हैं.
हरजस के माता पिता ऑस्ट्रेलिया में ड्राइवर हैं
हरजस खिलाड़ियों के परिवार से आते हैं. उनके पिता पंजाब में स्टेट स्तर पर बॉक्सिंग में चैंपियन थे. जबकि उनकी मां लंबी कूद की खिलाड़ी थीं. वे 2000 में चंडीगढ़ छोड़कर ऑस्ट्रेलिया चले गए. चंडीगढ़ में मूल निवासी होने के नाते हरजस अपने माता-पिता, इंद्रजीत सिंह और अविंदर कौर को अपने क्रिकेट के सपनों को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम करते हुए देखते हुए बड़े हुए. उन्होंने कहा, ‘मेरे माता-पिता, दोनों ही बस ड्राइवर हैं. वे कहते हैं कि हर उस माता-पिता को, जिनका बेटा क्रिकेटर है, हमेशा त्याग करने पड़ते हैं . काम के तुरंत बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए ले जाना, सुबह जल्दी उठना, बचपन में यह सुनिश्चित करना कि उनके उनके कपड़े तैयार हों.’ हरजस अब भी चंडीगढ़ जाते हैं, जहां उनके चाचा और परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं.