Success Story: पिता तीसरी पास, मां ने 7वीं तक की पढ़ाई, बिटिया 11वीं में फेल होकर भी बन गई डिप्टी कलेक्टर

Success Story: पिता तीसरी पास, मां ने 7वीं तक की पढ़ाई, बिटिया 11वीं में फेल होकर भी बन गई डिप्टी कलेक्टर


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Priyal Yadav Success Story: मध्य प्रदेश की प्रियल यादव की कहानी बहुत रोचक है. उन्होंने 10वीं में टॉप किया था लेकिन 11वीं में फेल हो गई थीं. फिर इंजीनियरिंग के बाद तीन बार एमपीपीएससी परीक्षा दी और हर अटेंप्ट में शानदार रैंक हासिल की. पढ़िए डिप्टी कलेक्टर प्रियल यादव की सक्सेस स्टोरी.

Priyal Yadav Success Story: प्रियल यादव 11वीं में फिजिक्स में फेल हो गई थीं

नई दिल्ली (Priyal Yadav Success Story). कहते हैं कि असफलता जीवन का अंत नहीं, बल्कि नए और दृढ़ संकल्प के साथ शुरुआत करने का मौका होती है. मध्य प्रदेश की प्रियल यादव की कहानी इस कहावत का जीता-जागता प्रमाण है. साधारण किसान परिवार की प्रियल ने अपनी शैक्षणिक यात्रा में एक बड़ा झटका तब खाया, जब वह 11वीं में फेल हो गईं. 10वीं तक क्लास टॉपर रहीं प्रियल के लिए यह असफलता आसान नहीं थी, लेकिन उन्होंने इसे अपनी शैक्षणिक जिंदगी की पहली और आखिरी विफलता साबित किया.

हार मानने के बजाय उन्होंने इस नाकामी को अपनी प्रेरणा बनाया. अथक प्रयास और समर्पण के दम पर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की परीक्षा में लगातार तीन बार सफलता हासिल की, जिसकी हैट्रिक उन्होंने डिप्टी कलेक्टर बनकर पूरी की. उनकी यह यात्रा उन सभी युवाओं के लिए एक मिसाल है, जो विपरीत परिस्थितियों और असफलताओं से निराश हो जाते हैं. डिप्टी कलेक्टर प्रियल यादव की सफलता बताती है कि मजबूत इरादे और लगातार प्रयास से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.

पिछड़े गांव में लिखी सफलता की इबारत

प्रियल यादव मध्य प्रदेश के हरदा जिले के एक ग्रामीण इलाके से है. उनके गांव में लड़कियों की कम उम्र में शादी हो जाना आम बात है. उनके पिता तीसरी पास किसान हैं और मां गृहिणी हैं. उन्होंने 7वीं या 8वीं तक पढ़ाई की है. प्रियल यादव का पढ़ाई करना और अपने सपने पूरे करना आसान नहीं था. लेकिन उनके माता-पिता ने समाज के दबाव की परवाह किए बिना बेटी की प्रतिभा पर भरोसा किया और उसे पढ़ने की पूरी स्वतंत्रता दी. इसके लिए उन्होंने प्रियल को इंदौर भेज दिया था.

11वीं के ‘सेटबैक’ से हुईं परेशान

प्रियल यादव बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होशियार थीं. उन्होंने 10वीं बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक हासिल किए थे. वह अपनी क्लास की टॉपर थीं. 10वीं के बाद रिश्तेदारों के दबाव में आकर उन्होंने मेडिकल स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी) चुन ली, जबकि इन विषयों में उनकी कोई रुचि नहीं थी. इसी कारण वह 11वीं में फिजिक्स विषय में फेल हो गईं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रियल यादव ने आगे जाकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी.

MPPSC में सफलता की हैट्रिक और रैंक

प्रियल यादव ने मध्य प्रदेश राज्य सेवा परीक्षा (MPPSC) में लगातार 3 बार शानदार रैंक के साथ सफलता हासिल करके हैट्रिक बनाई:

परीक्षा वर्ष रैंक चयनित पद
MPPSC 2019 19वीं जिला रजिस्ट्रार (District Registrar)
MPPSC 2020 34वीं सहायक आयुक्त (Assistant Commissioner) (सहकारी विभाग)
MPPSC 2021 6वीं डिप्टी कलेक्टर (Deputy Collector)

इन दिनों प्रियल यादव इंदौर में जिला रजिस्ट्रार के पद पर तैनात हैं.

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Deepali Porwal

With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi…और पढ़ें

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पिता 3rd पास, मां ने 7वीं तक की पढ़ाई, बिटिया 11वीं में फेल होकर भी बन गई अफसर



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