शनिवार को मॉकड्रिल में पुलिसकर्मियों को उपद्रवियों से निपटने का अभ्यास कराया गया।
एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना का विवाद अभी शांत नहीं भी हुआ था कि ग्वालियर हाईकोर्ट के ही एक वकील अनिल मिश्रा द्वारा डॉ. अंबेडकर पर की गई टिप्पणी से ग्वालियर-चंबल अंचल में तनाव की स्थिति बन गई। प्
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अनिल मिश्रा के बयान पर दलित संगठनों ने 15 अक्टूबर को ग्वालियर में कड़ा विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। सोशल मीडिया पर लगातार 15 अक्टूबर को ग्वालियर पहुंचने की अपील की जा रही है।
वहीं, सवर्ण समाज के संगठनों ने भी 15 अक्टूबर को ग्वालियर पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन करने की बात कही है। दोनों पक्षों की ओर से सोशल मीडिया पर की जा रही अपीलों को देखते हुए ग्वालियर पुलिस ने बलवा और उपद्रव से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की है।
पुलिस ने 260 भड़काऊ पोस्टों को तत्काल हटवाया है। 50 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किए हैं। विवादित बयान देने के चलते वकील अनिल मिश्रा के खिलाफ ग्वालियर और महाराष्ट्र में अलग-अलग दो FIR दर्ज हो चुकी है।
अब जानिए, दोनों विवाद क्या हैं?
हाईकोर्ट परिसर में प्रतिमा लगाने को लेकर विवाद चल रहा है। आजाद समाज, भीम आर्मी, ओबीसी महासभा सहित वकीलों का एक धड़ा प्रतिमा लगाने की मांग कर रहे हैं, जबकि वकीलों का दूसरा धड़ा इसके खिलाफ है। इसे लेकर वाद-विवाद का दौर चल रहा है।
पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक, मिश्रा ने सोशल मीडिया पर जारी किए गए वीडियो में डॉ. अंबेडकर को अंग्रेजों का गुलाम-एजेंट, झूठा कहने के साथ ही आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था।
ग्वालियर जिले में धारा 163 लागू जिला प्रशासन ने जिले में धारा 163 लागू कर दी है। अब बगैर अनुमति धरना-प्रदर्शन, जुलूस, चल समारोह नहीं निकाले जा सकेंगे। कलेक्टर-एसपी ने शहर के व्यापारियों, प्रबुद्ध नागरिकों के साथ बैठक कर शांति की अपील की है। बैठक में 15 को कोई भी कार्यक्रम न किए जाने पर सहमति बनीं थी लेकिन पुलिस किसी भी स्थिति में ढिलाई छोड़ने के मूड में नहीं हैं।
शुक्रवार को शांति समिति की बैठक हुई थी।
किसी को नहीं दी मंजूरी, कार्यक्रम किया तो होगी कार्रवाई शुक्रवार को हुई शांति समिति की बैठक में संयुक्त रूप से कलेक्टर रुचिका चौहान, एसएसपी धर्मवीर सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह व भ्रामक खबरें फैलाकर 15 अक्टूबर को कार्यक्रम के संबंध में कहा जा रहा है। जिले में धारा-163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू है। बिना अनुमति कोई आयोजन नहीं होगा, 15 अक्टूबर को भी कोई आयोजन नहीं हो रहा है।
दोनों ने कहा कि सभी लोग आपसी भाईचारे के साथ त्योहार मनाएं, व्यवसाय करें। प्रशासन सुरक्षा के लिए तत्पर है। इस बैठक में 30 से ज्यादा सदस्य व अधिकारी मौजूद रहे। एसएसपी ने कहा कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ एवं सामाजिक समरसता को क्षति पहुंचाने वाले पोस्ट अपलोड करने वालों पर साइबर टीम की नजर है।
बिना अनुमति आयोजन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश कलेक्टर ने शांति समिति सदस्यों से कहा कि वे भड़काऊ पोस्ट डालने वालों को फोन करके समझाएं, ताकि कानूनी कार्रवाई की नौबत न आए। समिति के सदस्यों ने अफसरों को भरोसा दिया कि वे शांति एवं सद्भाव को बिगड़ने नहीं देंगे।
अफसरों की बैठक में कहा है कि ध्यान दें कि कहीं पर भी बिना अनुमति के कोई आयोजन न होने पाए। यदि हो तो उसके सख्त कार्रवाई करें। शहर की तरह गांव में भी चौकसी की जाए। जन प्रतिनिधियों से भी संपर्क किया जाए।

सोशल मीडिया पर चल रही पोस्टों को लेकर पुलिस अलर्ट एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि 15 अक्टूबर को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही पोस्टों को लेकर पुलिस अलर्ट पर है। थाना स्तर पर भी बैठकें की जा रही है। जिसमें जनमानस ने शांति सद्भाव के लिए पुलिस का सहयोग करने का भरोसा दिया है। सभी त्योहार को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ है। सोशल मीडिया की निगरानी करते हुए कार्रवाई की जा रही है।

शनिवार को उपद्रवियों को खदेड़ने का अभ्यास करते हुए पुलिसकर्मी।
बलवा-उपद्रव से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की बहोड़ापुर स्थित पुलिस लाइन में शनिवार को पुलिस ने दो अलग-अलग पार्टी बनाकर बलवा परेड की रिहर्सल की। इसमें शहर के थानों व पुलिस लाइन का बल शामिल हुआ। बलवा परेड रिहर्सल में एएसपी विदिता डागर, सुमन गुर्जर, जयराज कुबेर सहित सभी सीएसपी बल के साथ शामिल हुए।
इसमें अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन व हंगामा कर रही पार्टी ने पुलिस बल पर पथराव किया। इस पथराव से निपटने के लिए पुलिस पार्टी ने जबावी कार्रवाई की और भीड़ से निपटने के लिए अश्रु गैस का उपयोग किया।
अश्नु गैस का एक गोले का टुकड़ा लगने से आरक्षक संतोष सिंह घायल हो गया। गोले का एक टुकड़ा आरक्षक के माथे पर लगा, घायल आरक्षक को तत्काल अस्पताल भेजा गया। आरक्षक के माथे पर दो टांके आए हैं।
बलवा किट पहनने का अभ्यास करें, किट हमेशा वाहन में रखें
बलवा परेड के दौरान एसएसपी धर्मवीर सिंह ने सभी अफसरों व जवानों से बलवा किट अपने वाहनों में रखने और नियमित उसकी साफ-सफाई व उसे पहनने का अभ्यास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में ऐसा न हो कि बलवा किट के लिए लाइन या थाने भागना पड़े।

मई में हाईकोर्ट परिसर में प्रतिमा विवाद को लेकर महिला पुलिसकर्मियों से पाइप छीनते दिखे थे वकील।
हाईकोर्ट में मूर्ति स्थापना से जुड़ा विवाद
- मई 2025 से सीनियर और जूनियर अधिवक्ताओं के बीच हाईकोर्ट में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर तनाव बना हुआ है। 17 मई 2025 को हाईकोर्ट ग्वालियर परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की बात शुरू हुई थी।
- बार एसोसिएशन के सीनियर और जूनियर अधिवक्ताओं में हाईकोर्ट के बाहर बहस हो गई थी। इस दौरान जूनियर अधिवक्ताओं के समर्थन में पहुंचे भीम आर्मी के पूर्व सदस्य रूपेश केन से हाईकोर्ट परिसर के सामने वकीलों ने मारपीट कर दी थी। प्रतिमा स्थापना को लेकर कई आंदोलन और झड़पें हो चुकी हैं।
- हंगामे को बढ़ता देख डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा लगाने पर रोक लगा दी थी और प्रतिमा को शहर से 15 किमी दूर मूर्तिकार प्रभात राय की वर्कशॉप में रखवा दिया था। प्रतिमा की रखवाली में दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
- बार एसोसिएशन ने 11 मई को उस स्थान पर तिरंगा फहरा दिया, जहां डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा लगना प्रस्तावित है। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने रोकना चाहा, तो विवाद के हालात बने और धक्का-मुक्की हुई। इसका वीडियो सामने आने के बाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन पाठक का कहना था कि यह झंडा हमने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की याद में फहराया है।