India vs West Indies Match: भारत और वेस्टइंडीज के बीच 2 टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला चौथे दिन तक पहुंच गया है. नई दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में जॉन कैंपबेल और शाई होप के अर्धशतकों की बदौलत मेहमान टीम ने तीसरे दिन हार को किसी तरह टाल दिया. वह फॉलोऑन खेलते हुए दूसरी पारी में अभी भी 97 रन पीछे है. उसने 2 विकेट पर 173 रन बना लिए हैं. कैंपबेल 87 और होप 66 रन बनाकर नाबाद हैं. इससे भारत ने अपनी पहली पारी को 5 विकेट पर 518 रन के स्कोर पर घोषित कर दिया था. वेस्टइंडीज की टीम पहली पारी में 248 रनों पर सिमट गई थी. इससे टीम इंडिया को 270 रनों की बढ़त मिली थी.
भारतीय तिकड़ी का सामना आसान नहीं
कैंपबेल और होप ने दूसरे दिन तो एक तरह से वेस्टइंडीज के लिए चमत्कार कर दिखाया. उन्होंने उस तरह का हिम्मत दिखाया, जो इस सीरीज में विंडीज की ओर से देखने को नहीं मिला था. इसके बावजूद अभी उनका काम पूरा नहीं हुआ है. चौथे दिन पिच से स्पिनरों को ज्यादा मिलने वाली है. पिच धीरे-धीरे स्लो होती जा रही है और तेज गेंदबाजों को मदद नहीं मिल रही. उन्हें बाउंस हासिल करने के लिए ज्यादा ताकत का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. ऐसे में मैच के चौथे दिन भारत की स्पिनर तिकड़ी रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव और वॉशिंगटन सुंदर को खेलना वेस्टइंडीज के लिए आसान नहीं होने वाला है.
वेस्टइंडीज के सामने मुश्किल चुनौती
पहली पारी में कुलदीप ने 5 विकेट लेकर पहले ही तबाही मचा रखी है. जडेजा ने 3 विकेट लिए थे. दूसरी पारी में वॉशिंगटन सुंदर को एक सफलता मिल चुकी है. पिच की भविष्यवाणी यह साफ-साफ बता रही है कि ये तीनों मैच के चौथे दिन वेस्टइंडीज पर भारी पड़ने वाले हैं. हालांकि, क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और इसमें कुछ भी हो सकता है. अगर कैंपबेल और होप शुरुआती सेशन में बेहतर खेलते हैं तो वेस्टइंडीज की उम्मीदें बढ़ेंगी, लेकिन इन तीन स्पिनरों के सामने ऐसा करना काफी कठिन होने वाला है.
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‘पेस हासिल करना मुश्किल’
तीसरे दिन का खेल समाप्त होने पर भारत के सहायक कोच रयान टेन डोशेट ने पूरे दिन के खेल को लेकर बताया कहा, ”हमने सोचा था कि विकेट और खराब होती जाएगी और दिन के अंत तक वह अपने सबसे खराब स्तर पर होगी. लेकिन यह तो और भी धीमी हो गई है. गेंद में गति लाना काफी चुनौतीपूर्ण है. आपको गेंद को वास्तव में तेजी से फेंकना होगा. जब आप गेंद को तेजी से फेंकते हैं, तो उसके स्पिन होने की संभावना कम हो जाती है. इसलिए हमारे लिए यह थोड़ी मुश्किल भरी दोपहर रही.”
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स्पिनरों को क्या करना होगा?
डोशेट ने बताया कि ऐसी स्थिति में क्या किया जा सकता है. उन्होंने कहा, “जाहिर है कि गति को नियंत्रित करना शायद एक ऐसी चीज़ है जिसके साथ आप खेल सकते हैं. आपने देखा कि जब भी वॉशिंगटन सुंदर ने थोड़ी धीमी गेंद डाली, तो उन्हें थोड़ा अधिक टर्न मिला. लेकिन बल्लेबाज को भी थोड़ा अधिक समय मिल जाता है. इसलिए यह गति में बदलाव का उपयोग करके बल्लेबाज से गलती करवाने का मामला है.” अब अगल तीनों भारतीय स्पिनर चालाकी से गेंदबाजी करके वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को गलती करने पर मजबूर करते हैं तो मैच चौथे दिन आसानी से समाप्त हो सकता है.