छिंदवाड़ा में जबलपुर से भेजा गया था जहरीला कफ सिरप, जांच में खुलासा

छिंदवाड़ा में जबलपुर से भेजा गया था जहरीला कफ सिरप, जांच में खुलासा


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Jabalpur News: जिस कटारिया फार्मास्युटिकल्स का लाइसेंस रद्द किया गया है, उसके दफ्तर में विभाग को कई खामियां भी मिलीं. फर्म के पास गोदाम में मेडिसिन स्टॉक रखने की अनुमति नहीं थी.

जबलपुर. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से कई बच्चों की मौत के बाद अब इस केस में एक नया खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि जिस कोल्ड्रिफ कफ सिरप को पीने से बच्चों की मौत हुई थी, उस सिरप की बोतलें जबलपुर से छिंदवाड़ा भेजी गई थी. कटारिया फार्मास्युटिकल्स ऑफिस से कोल्ड्रिफ कफ सिरप का एक बड़ा लॉट वहां भेजा गया था. लिहाजा अब खाद्य एवं औषधि विभाग ने जबलपुर के कटारिया फार्मास्युटिकल्स का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है.

जिस कटारिया फार्मास्युटिकल्स का लाइसेंस निरस्त किया गया है, उस ऑफिस में विभाग को कई खामियां भी मिली हैं. गोदाम में दवाओं का स्टॉक रखने की अनुमति भी नहीं थी लेकिन संचालक द्वारा बाकायदा दवाओं को स्टॉक किया जा रहा था. साथ ही जब विभाग ने कटारिया फार्मास्युटिकल्स के संचालक से लाइसेंस सहित अन्य दस्तावेज मांगे, तो गोदाम से जुड़े कई दस्तावेज भी नहीं मिले. इसके बाद विभाग ने कार्रवाई करते हुए ऑफिस को सील कर दिया था. वहीं अब लाइसेंस भी निरस्त कर दिया है.

श्रीसन फार्मा बनाती थी कोल्ड्रिफ कफ सिरप
गौरतलब में बीते दिन कटारिया फार्मास्युटिकल्स से मिले कफ सिरप को जब्त कर सैंपल के लिए लैब में भेजा गया था. वहीं अब जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि जबलपुर से छिंदवाड़ा भेजे गए सिरप में डाई एथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया है. हैरानी की बात यह है कि यह जहरीला कफ सिरप जबलपुर से होते हुए छिंदवाड़ा जाता था. जबलपुर का कटारिया फार्मास्युटिकल्स तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा बनाए गए इस कफ सिरप को सप्लाई किया करता था.

संचालक ने नहीं दिया रिकॉर्ड
औषधि निरीक्षक देवेंद्र जैन ने लोकल 18 को बताया कि कटारिया फार्मास्युटिकल्स को नोटिस जारी किया गया था और जवाब देने के लिए एक दिन का वक्त भी दिया गया था लेकिन संचालक ने किसी भी प्रकार का जवाब नहीं दिया. जिसके बाद लाइसेंस निरस्त किया गया है. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान गोदाम में दवाओं का स्टॉक मिला था. वहां मौके पर संचालक के पास कोई भी क्रय-विक्रय का रिकॉर्ड भी नहीं था.

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

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