सीहोर में दिवाली के त्योहार से पहले सीहोर कलेक्ट्रेट परिसर में एक अनोखा नजारा देखने को मिला। वसुंधरा विशेष विद्यालय के दिव्यांग बच्चों ने अपनी रचनात्मकता से सजे मिट्टी के दीपकों की प्रदर्शनी लगाई, जिन्हें देखकर सभी अधिकारी मंत्रमुग्ध रह गए।
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कलेक्टर बालागुरु के., जिला पंचायत सीईओ सर्जना यादव और अन्य विभागों के अधिकारी खुद स्टॉल पर पहुंचे और बच्चों से दीपक खरीदे। कलेक्टर ने बच्चों की कला की जमकर सराहना करते हुए कहा — “आपकी ये रचनात्मकता दिवाली को और उजाला बना रही है।”
बच्चों ने जब अपने हाथों से बनाए दीपक अधिकारियों को दिए तो उनके चेहरों पर मुस्कान फैल गई। कलेक्टर ने सभी को दिवाली की शुभकामनाएं दीं, जिस पर बच्चों ने भी उत्साह से ‘हैप्पी दिवाली’ कहा।
संस्था के अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने बताया कि वसुंधरा वेलफेयर फाउंडेशन न केवल विशेष शिक्षण देता है, बल्कि योग, ध्यान, थेरेपी, खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों के ज़रिए इन बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने का काम भी करता है।
कलेक्टर ने इस अवसर पर जिले में पारंपरिक माटी शिल्पियों को भी बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दीपक, खिलौने और सजावटी सामान जैसे स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए हाट-बाजारों में विशेष स्थान दिया जाए, ताकि स्थानीय कलाकारों को रोज़गार और सम्मान दोनों मिल सकें।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन शिल्पियों से किसी प्रकार का कर (टैक्स) नहीं वसूला जाएगा। मिट्टी के दीयों के उपयोग से न केवल परंपरा जीवित रहेगी बल्कि कुम्हार समुदाय की आजीविका भी सशक्त होगी।