प्लेइंग XI में जगह नहीं दोगे तो टीम से निकाल दो, कप्तान को ओपनर ने हड़काया था

प्लेइंग XI में जगह नहीं दोगे तो टीम से निकाल दो, कप्तान को ओपनर ने हड़काया था


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वीरेंद्र सहवाग ने 2008 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर प्लेइंग इलेवन से बाहर होने पर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को साफ कह दिया था. अगर मैच नहीं खेलने मिलेगा तो टीम में जगह नहीं दें. मेरी जगह किसी और खिलाड़ी को टीम के साथ रहने का अनुभव दे दीजिए.

सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के साथ वीरेंद्र सहवाग- फोटो X पेज

नई दिल्ली. किसी भी टीम के सीनियर खिलाड़ियों के साथ नए कोच और कप्तान को ताल मेल बिठाने में हमेशा ही परेशानी होती है. टीम इंडिया को 2011 का वर्ल्ड कप जीताने वाले कोच गैरी कर्स्टन और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ भी ऐसी ही परेशानी आई थी. साल 2008 का किस्सा खुद किसी और ने नहीं बल्कि प्लेइंग इलेवन से बाहर बिठाए गए वीरेंद्र सहवाग ने सुनाई है.

भारतीय टीम के विस्फोटक ओपनर रहे वीरेंद्र सहवाग के लिए साल 2008 बेहद खराब रहा था. उन्होंने टीम से बाहर किए जाने के बाद संन्यास तक लेने का फैसला कर लिया था. हालांकि सचिन तेंदुलकर से समझाने के बाद अपना मन बदल लिया. इसके बाद उन्होंने 2011 वर्ल्ड कप में टीम के लिए कई उपयोगी पारी खेली और टीम के वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई.

साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया दौरे का किस्सा वीरेंद्र सहवाग ने एक शो पर सुनाया था. उन्होंने बताया कि जब उनको कप्तान और कोच ने टीम में होने के बाद भी प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया तो वो गुस्सा हुए थे. सहवाग ने बताया कि वो चाहते थे अगर टीम में हैं तो उनको मैच खेलने का मौका दिया जाए नहीं तो किसी और खिलाड़ी को उनकी जगह टीम में शामिल कर लिया जाए. सहवाग की जगह पर कप्तान धोनी ने पहले गौतम गंभीर और फिर बाद में रॉबिन उथप्पा को प्लेइंग इलेवन में मौका दिया था. दोनों ने सचिन तेंदुलकर के साथ उनकी जगह पर पारी की शुरुआत की थी.

कप्तान और कोच को बोला निकाल दो टीम से

सहवाग ने कहा, “जब मैं 2008 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर था और वनडे टीम के बीच टूर्नामेंट के दौरान बाहर बैठ गया. प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दिए जाने के बाद मुझे खराब लगा था. मैंने जाकर बोला, देखो मैं बाहर बैठने के लिए नहीं आया हूं, पानी पिलाने के लिए नहीं आ सकता हूं.”

आगे उन्होंने कहा, “अगर आप मुझे टीम में चुन रहे हैं तो प्लेइंग इलेवन में मौका दो. मैच खेलने नहीं दे रहे तो किसी और को टीम में मेरी जगह पर चुन लो. जिसे भी आप चुनेंगे उसको टीम के साथ रहने का अनुभव तो मिेलेगा. मेरे पास पहले से ही काफी सारा अनुभव है. जब भी आप मुझे बुलाएंगे मैं मैच खेलने आ जाउंगा.”

Viplove Kumar

15 साल से ज्यादा वक्त से खेल पत्रकारिता से सक्रिय. Etv भारत, ZEE न्यूज की क्रिकेट वेबसाइट में काम किया. दैनिक जागरण वेबसाइट में स्पोर्ट्स हेड रहा. ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, क्रिकेट और फुटबॉल वर्ल्ड कप कवर किया. अक्टूब…और पढ़ें

15 साल से ज्यादा वक्त से खेल पत्रकारिता से सक्रिय. Etv भारत, ZEE न्यूज की क्रिकेट वेबसाइट में काम किया. दैनिक जागरण वेबसाइट में स्पोर्ट्स हेड रहा. ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, क्रिकेट और फुटबॉल वर्ल्ड कप कवर किया. अक्टूब… और पढ़ें

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