सीहोर में कलेक्टर बालागुरू के. की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभाकक्ष में टीएल बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान कलेक्टर ने भावांतर योजना के तहत किसान पंजीयन एवं पंजीयन केंद्रों की व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान कई नोडल अधिकारियों को केंद्रों का निरीक
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कलेक्टर ने अधिकारियों को फटकार लगाई
कलेक्टर ने कहा कि भावांतर योजना किसानों के हित में सरकार द्वारा चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है। इसके संचालन में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए वरिष्ठ कार्यालय को पत्र लिखा जाएगा।
दरअसल भावांतर योजना के सफल संचालन के लिए विभिन्न विभागों के जिला अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस योजना के तहत अब तक 26 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है।
पराली के नुकसान किसानों को बताने के निर्देश
बैठक में कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को पराली जलाने के नुकसान के प्रति किसानों को जागरूक करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से पर्यावरण में प्रदूषण होता है और भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है। मिट्टी में मौजूद लाभदायक जीवाणु, फंगस, मित्र कीट और कार्बनिक पदार्थ जलकर नष्ट हो जाते हैं, जिससे जमीन कठोर और मृत हो जाती है।
किसान सुपर सीडर का उपयोग करें- कलेक्टर
कलेक्टर ने किसानों को धान की कटाई के बाद सुपर सीडर का उपयोग कर बुवाई करने को कहा। कलेक्टर ने बिना जुताई और पलेवा के गेहूं एवं अन्य फसलों की बुवाई करने का सुझाव दिया। जिससे किसानों के डीजल और पलेवा में लगने वाले पैसे की बचत होगी। उन्होंने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने और ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।