रायसेन कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा ने जिले में भावांतर योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और सोयाबीन उत्पादक किसानों को अधिकतम लाभ दिलाने के लिए सोमवार को अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने योजना के तहत हुए किसान पंजीयन की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-
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समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में अब तक 5271 किसानों ने 15267 हेक्टेयर क्षेत्र का पंजीयन कराया है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि पंजीयन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर से पहले सभी पात्र सोयाबीन उत्पादक किसानों का पंजीयन सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर विश्वकर्मा ने सभी एसडीएम और संबंधित अधिकारियों को किसान संगठनों से लगातार संवाद करने के निर्देश दिए। उन्होंने पंजीयन प्रक्रिया की निगरानी सुनिश्चित करने और ग्रामीण स्तर तक योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने पर जोर दिया, ताकि कोई भी पात्र किसान पंजीयन से वंचित न रहे।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि पंजीयन केंद्रों पर किसानों को उचित सहयोग मिले और योजना से संबंधित सभी जानकारी पारदर्शी रूप से उपलब्ध कराई जाए। साथ ही, मंडियों में उपज विक्रय के दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े, इसके लिए प्रशासनिक अमला पूरी तत्परता से कार्य करें।
उप संचालक कृषि केपी. भगत ने जानकारी दी कि भावांतर योजना के पंजीयन के लिए जिले की 24 प्राथमिक सेवा सहकारी समितियों को चिह्नित किया गया है। पंजीयन प्रक्रिया 3 अक्टूबर से एमपी ऑनलाइन कियोस्क और एमपी किसान ऐप के माध्यम से ई-उपार्जन पोर्टल पर जारी है, जो 17 अक्टूबर तक चलेगी। पिछले वर्ष सोयाबीन उपार्जन हेतु 4728 किसानों द्वारा 12532 हेक्टेयर क्षेत्र का पंजीयन कराया गया था।