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John Campbell’s Vitiligo Disease: वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के बल्लेबाज जॉन कैंपबेल स्किन की बीमारी विटिलिगो (Vitiligo) से जूझ रहे हैं. यह बीमारी खतरनाक नहीं होती है, लेकिन इसकी वजह से स्किन पर सफेद धब्बे होने लगते हैं. यह ऑटो इम्यून बीमारी है, जिसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है. प्रॉपर ट्रीटमेंट से इस बीमारी से कुछ हद तक राहत मिल सकती है.
डर्मेटोलॉजिस्ट ने बताया कि विटिलिगो एक क्रोनिक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही सेल्स पर अटैक करने लगता है. इसकी वजह से स्किन को रंगत देने वाला पिगमेंट सही तरीके से काम नहीं करता है और स्किन पर जगह जगह सफेद धब्बे नजर आने लगते हैं. जेनेटिक फैक्टर्स विटिलिगो का खतरा बढ़ा देते हैं. अगर किसी शख्स की फैमिली में किसी को विटिलिगो या ऑटोइम्यून बीमारियां हैं, तो उसे भी इस बीमारी का खतरा ज्यादा हो सकता है. तनाव, स्किन इंजरी और सूरज की ज्यादा धूप भी विटिलिगो के डेवलप होने का कारण बन सकती है. विटिलिगो का कोई परमानेंट इलाज नहीं है, लेकिन कुछ क्रीम से राहत मिल सकती है. एक बार यह बीमारी हो जाए, तो इसे ठीक नहीं किया जा सकता है.
एक्सपर्ट की मानें तो विटिलिगो खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन इसकी वजह से सफेद धब्बे हो जाते हैं और इससे लोग मेंटली परेशान हो जाते हैं. इससे लोगों का सेल्फ-कॉन्फिडेंस कम हो जाता है और उनकी सोशल लाइफ भी बुरी तरह प्रभावित होती है. कई बार इसे छुआछूत की बीमारी भी समझा जाता है, लेकिन यह संक्रामक बीमारी नहीं होती है. विटिलिगो से पीड़ित लोगों के लिए जिंदगी मुश्किल हो जाती है, लेकिन कई लोग इसकी परवाह किए बगैर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ते हैं. अगर कोई व्यक्ति इस बीमारी की शुरुआत में ही प्रॉपर ट्रीटमेंट लेना शुरू कर दे, तो इसे कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है.
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्…और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्… और पढ़ें