शुरुआती दिनों में किसान न करें ये गलती, चना फसल और मिट्टी दोनों को होगा नुकसान

शुरुआती दिनों में किसान न करें ये गलती, चना फसल और मिट्टी दोनों को होगा नुकसान


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Agriculture Tips: डॉ राजीव सिंह ने कहा कि फसल जब 30 से 35 दिन की हो जाए, तब खेतों में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर T आकार की लकड़ी की खुटियां गाड़ दें. इससे होता यह है कि पक्षी इनपर बैठकर खेत में मौजूद कीटों को खा जाते हैं और फसल की सुरक्षा में सहायता मिलती है.

खरगोन. रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में चने की बुवाई में तेजी आ गई है लेकिन कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को चेतावनी दी है कि शुरुआती दिनों में फसल पर जरूरत से ज्यादा रासायनिक दवाओं का छिड़काव न करें. यह तरीका फसल, मिट्टी और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. खरगोन के कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ राजीव सिंह लोकल 18 को बताते हैं कि जिले में बड़े पैमाने पर चने की खेती होती है. इस फसल में इल्ली और अन्य कीटों का प्रकोप आम बात है. इनसे बचाव के लिए किसान शुरुआती अवस्था में ही रासायनिक दवाओं का भारी छिड़काव कर देते हैं, जो एक बड़ी गलती है.

उन्होंने कहा कि चूंकि ज्यादा मात्रा में रासायनिक दवाओं का छिड़काव करने से पौधों को नुकसान होता है, साथ ही मिट्टी की गुणवत्ता भी धीरे-धीरे खराब होने लगती है और जैविक तत्व खत्म हो जाते हैं. इससे फसल की उत्पादन क्षमता पर असर पड़ता है. वहीं इन रासायनिक दवाओं के अवशेष मिट्टी और पानी में मिलकर मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं.

नीम तेल का उपयोग करें किसान
विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि शुरुआती अवस्था में रासायनिक दवाओं की जगह देसी उपाय अपनाएं. इसके लिए सबसे बेहतर तरीका है नीम तेल का छिड़काव करना. नीम तेल के छिड़काव से पौधों की पत्तियां कड़वी हो जाती हैं, जिससे कीट और इल्लियां पौधों को नुकसान नहीं पहुंचा पातीं. चने की फसल में शुरुआती 20-25 दिनों तक नीम तेल (पांच मिली प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करना काफी फायदेमंद होता है.

लकड़ी की खुटियां गाड़ने के फायदे
डॉ राजीव सिंह ने किसानों को एक और देशी तकनीक अपनाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि फसल जब 30 से 35 दिन की हो जाए, तब खेतों में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर टी आकार की लकड़ी की खुटियां गाड़ दें. इससे पक्षी इनपर बैठकर खेत में मौजूद कीटों को खा जाते हैं और फसल की सुरक्षा में मदद मिलती है. डॉ सिंह का कहना है कि इस तरह देसी ओर घरेलू तरीकों को अपनाने से न केवल फसल सुरक्षित रहेगी बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहेगी.

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

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