छतरपुर में तीन साल की मासूम से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की अदालत ने सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपी पर 5 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया और पीड़िता को नालसा प्रतिकर योजना के तहत तीन लाख रुपए मुआवजा देने
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विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) कविता वर्मा ने आरोपी अर्जुन आदिवासी को पॉक्सो एक्ट की धारा 5(एम)/6 के तहत दोषी पाया। करीब ढाई साल पुराने इस मामले में अभियोजन पक्ष ने मजबूत साक्ष्य और गवाही पेश की, जिसके आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया।
कुल्फी दिलाने के बहाने ले गया था मासूम को यह मामला 5 मई 2023 का है। गांव में रहने वाली तीन साल की बच्ची घर के बाहर खेल रही थी, जबकि उसकी मां घर के अंदर खाना बना रही थी। कुछ देर बाद जब बच्ची की आवाज नहीं आई तो मां ने बाहर आकर देखा, बच्ची गायब थी।गांव में तलाश करने पर पता चला कि पड़ोस में रहने वाले हीरालाल आदिवासी का दामाद अर्जुन बच्ची को कुल्फी दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया था।
सूखे नाले में लहूलुहान मिली थी बच्ची शाम तक जब बच्ची का कोई पता नहीं चला तो परिजन परेशान हो गए। रात करीब 9 बजे गांव के स्टॉपडेम के पास एक सूखे नाले में बच्ची लहूलुहान और बेहोश हालत में मिली। इलाज के दौरान होश आने पर बच्ची ने अर्जुन की ओर इशारा किया।
आरोपी गिरफ्तार, कोर्ट में पेश सबूत माता-पिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी अर्जुन आदिवासी के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। जांच के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया।
मामले की पैरवी प्रभारी उपनिदेशक एवं विशेष लोक अभियोजक प्रवेश अहिरवार ने की। उन्होंने अदालत में सभी गवाहों और चिकित्सकीय साक्ष्यों को पेश किया, जिसके आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।