Animal Care : सर्दी में नहीं घटेगा जानवरों में दूध, बस अपना लें ये देशी जुगाड़

Animal Care : सर्दी में नहीं घटेगा जानवरों में दूध, बस अपना लें ये देशी जुगाड़


सतना: सर्दियों का मौसम जैसे-जैसे नजदीक आता है वैसे-वैसे गाय, भैंस और बकरी जैसे दूध देने वाले जानवरों की देखभाल और भी जरूरी हो जाती है. तापमान गिरने के साथ दूध उत्पादन में कमी आना एक आम समस्या है लेकिन देसी उपायों से इस समस्या को आसानी से रोका जा सकता है. पशु चिकित्सक बताते हैं कि अगर पशुपालक थोड़ी सावधानी और संतुलित आहार पर ध्यान दें तो ठंड के मौसम में भी दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों बनी रह सकती हैं.

ठंड में दूध घटने के कारण
ठंड के मौसम में तापमान गिरने से पशुओं की ऊर्जा का बड़ा हिस्सा शरीर को गर्म रखने में खर्च होता है. ऐसे में उनके पास दूध उत्पादन के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं बचती. इसके अलावा ठंड और नमी के कारण पशु बीमारियों जैसे निमोनिया और जुकाम का शिकार हो सकते हैं. इससे उनका दूध उत्पादन और भी कम हो जाता है.

देसी उपायों से बढ़ाएं दूध की मात्रा
पशु विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के मौसम में पशुओं को गुनगुना पानी पिलाना बेहद जरूरी है. इसके अलावा उन्हें सूखी और गर्म जगह पर रखना चाहिए ताकि वे ठंड से बच सकें. सरसों की खल, गुड़, और चना जैसी चीज़ें उनके शरीर को ताकत देती हैं और दूध उत्पादन बढ़ाती हैं.

लोकल 18 से बातचीत में पशु चिकित्सक डॉ. बृहस्पति भारती ने बताया कि ठंड के दौरान पशुओं की डिवॉर्मिंग (कृमिनाशक दवा) ज़रूर करानी चाहिए क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य और दूध उत्पादन दोनों को बेहतर करती है. उन्होंने कहा ठंड में गाय-भैंस के बच्चे निमोनिया और परजीवियों के कारण जल्दी बीमार पड़ते हैं इसलिए बैलेंस डाइट और डिवॉर्मिंग पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

पौष्टिक आहार से मिलेगा बेहतर उत्पादन
सर्दियों में दूध बढ़ाने के लिए पशुओं को हरा चारा जैसे बरसीम, लोबिया और नैपियर घास खिलाना फायदेमंद रहता है. ये पौधे प्रोटीन और खनिजों से भरपूर होते हैं. साथ ही, गेहूं का दलिया, मक्का, जौ, बिनोला, चना, और सरसों या मूंगफली की खली जैसे अनाज-आधारित मिश्रण से उन्हें ऊर्जा मिलती है.

देसी नुस्खों में गुड़, मेथी, अजवाइन, जीरा और कच्चा नारियल मिलाकर मिश्रण तैयार किया जा सकता है जो शरीर को गर्मी और ताकत देता है. पशुओं को सामान्य दिनों की तुलना में ठंड के दिनों में थोड़ा अधिक चारा देना चाहिए. विशेषज्ञों के अनुसार 60% से अधिक पाचन क्षमता वाला चारा देना सबसे उपयुक्त रहता है.

ठंड में ध्यान रखें संतुलित आहार और पोषण
पशु चिकित्सक बताते हैं कि संतुलित आहार में खनिज मिश्रण और एनर्जी बूस्टर जोड़ने से दूध उत्पादन में गिरावट नहीं आती. अगर पशुपालक नियमित रूप से ये देसी उपाय अपनाएं तो ठंड के मौसम में भी दूध की गुणवत्ता और मात्रा दोनों बरकरार रखी जा सकती हैं.



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