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मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व में एक ऐसी रहस्यमयी मकड़ी देखी गई है, जो पहली नजर में बंदर जैसी लगती है. रात के अंधेरे में जब इसकी आंखें चमकती हैं और शरीर हल्का सा हिलता है, तो इसे देखकर किसी का भी दिल जोर से धड़क उठे. इसे ‘मंकी स्पाइडर’ और ‘घोस्ट स्पाइडर’ के नाम से जानते हैं.
मध्य प्रदेश के पेंच नेशनल पार्क के घने जंगलों में फॉरेस्ट गार्ड मनोज सलामे को गश्त के दौरान एक दुर्लभ मकड़ी दिखाई दी. दूर से लगा कोई छोटा बंदर पत्तों में दुबका बैठा होगा लेकिन जैसे ही करीब पहुंचे, वह दृश्य देखकर हैरान रह गए. वह बंदर नहीं बल्कि एक दुर्लभ मकड़ी थी. उसके कांटेदार पैर और चमकीले धब्बे किसी डरावनी फिल्म के दृश्य जैसे लग रहे थे.

वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट के मुताबिक, इस मकड़ी को वैज्ञानिक भाषा में Neoscona punctigera कहा जाता है जबकि स्थानीय लोग इसे ‘मंकी स्पाइडर’ और ‘घोस्ट स्पाइडर’ के नाम से जानते हैं. यह एशिया में पाई जाने वाली दुर्लभ मकड़ी है. इसकी खासियत है कि जब यह आराम की मुद्रा में होती है, तो इसका आकार और बनावट बिलकुल छोटे बंदर जैसी दिखती है.

इस मकड़ी के पैरों में छोटे-छोटे नुकीले कांटे होते हैं, जो किसी कीड़े को छूते ही उसे जकड़ लेते हैं. रात में यह अपने जाल के बीच बैठकर पेट के नीचे बने चमकीले धब्बों से कीटों को आकर्षित करती है. जैसे ही कोई कीड़ा पास आता है, वह बिजली की रफ्तार से उसे पकड़ लेती है. दिन के समय यह पत्तों या छाल में ऐसे छिप जाती है कि पहचान पाना मुश्किल हो जाता है.

मादा मकड़ी की लंबाई करीब 1.1 सेंटीमीटर और नर की 0.7 सेंटीमीटर तक होती है. आकार में छोटी होने के बावजूद यह बेहद फुर्तीली होती है. फिलीपींस और एशिया के अन्य हिस्सों में भी इसकी उपस्थिति दर्ज की गई है. कई बार नर और मादा के बीच क्षेत्रीय लड़ाई तक होती है.

रात में जब यह मकड़ी सक्रिय होती है, तब इसका नजारा किसी रहस्य कथा जैसा होता है. पत्तों के बीच फैले जाल में इसके चमकीले धब्बे हल्की रोशनी में टिमटिमाते हैं, मानो कोई भूतिया आंखें देख रही हों. जैसे ही कोई कीट नजदीक आता है, यह अपने कांटेदार पैरों से उसे लपेट लेती है. शायद इसी डरावने अंदाज के कारण इसे ‘घोस्ट स्पाइडर’ नाम दिया गया.

पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह के मुताबिक, यह ‘खोज जंगल वालों की नजर से’ अभियान का हिस्सा है. इस पहल में फॉरेस्ट स्टाफ को जंगल में दिखने वाले अनोखे जीवों की तस्वीरें साझा करने पर प्रोत्साहित किया जाता है. सबसे बेहतरीन तस्वीरों को इनाम देकर जंगल के प्रति जुड़ाव और जागरूकता बढ़ाई जाती है.

गौरतलब है कि सिवनी और छिंदवाड़ा जिलों में फैला पेंच टाइगर रिजर्व करीब 1180 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जिसमें 411 वर्ग किलोमीटर कोर एरिया शामिल है. यह पार्क अपनी जैव विविधता और दुर्लभ जीवों की मौजूदगी के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. यहां की हरियाली और शांत वातावरण कई अंतरराष्ट्रीय वाइल्डलाइफ रिसर्चर्स को आकर्षित करता है.

यहां बाघों के अलावा सांभर, चौसिंघा, बाइसन, जंगली सुअर और लोमड़ी जैसे सैकड़ों जीव रहते हैं. 20 से ज्यादा मकड़ी की प्रजातियां यहां पाई जाती हैं, जिनमें अब ‘मंकी स्पाइडर’ भी जुड़ गई है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह जैव विविधता का एक नया संकेत है कि जंगल अभी भी कई अनछुए रहस्यों को अपने भीतर छिपाए बैठा है.