इंदौर के प्राणी संग्रहालय का चर्चित हाथी मोती एक बार फिर सुर्खियों में है। मोती को वन तारा सेंटर (जामनगर, गुजरात) भेजने के लिए हाई पावर कमेटी से एक पत्र आया है, लेकिन जू प्रबंधन और वन विभाग इसके पक्ष में नहीं हैं। दोनों का कहना है कि मोती काफी गुस्सै
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इंदौर के 65 वर्षीय मोती को यहां चिड़ियाघर में ही प्राकृतिक माहौल में रखा जा रहा है। नगर निगम ने भी इस आदेश पर आपत्ति दर्ज कराते हुए एक लेटर लिखा है कि मोती की मानसिक स्थिति को देखते हुए इंदौर के चिड़ियाघर में रखना ही बेहतर होगा। साथ ही उज्जैन से एक मादा हाथी को लाने पर भी विचार किया जा रहा है।
मोती की स्थिति ठीक नहीं
जू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने स्पष्ट किया है की हाथी मोती की स्थिति अभी बिल्कुल भी ठीक नहीं है। ऐसे में वन तारा तक सफर करना उसके लिए मुमकिन ही नहीं है। फिलहाल मोती को ऐसे माहौल में रखा गया है जहां उसे कोई परेशानी न हो और अकेलापन भी न महसूस हो। उनका कहना है कि हर निर्णय मोती की भलाई और सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा।
इंदौर का प्राणी संग्रहालय, जहां तारा वर्तमान में है।
स्पेशल टीम करती है मॉनिटरिंग
दरअसल चिड़ियाघर में मौजूद मोती काफी गुस्सैल और आक्रामक स्वभाव का है। उसने कई बार खुद को और चिड़ियाघर के कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाया है। चिड़ियाघर की विशेष टीम हमेशा उस पर नजर रखती है। ऐसे में उसे वन तारा भेजना उसके लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है।
दो साल पहले वन विहार नेशनल पार्क भी दर्ज करा चुका है आपत्ति
दो साल पहले वन विहार नेशनल पार्क (भोपाल) ने भी इसे हायर रिस्क बताया था। तत्कालीन वेटरनरी ऑफिसर डॉ. अतुल गुप्ता और सुनील कुमार गुप्ता (डिप्टी डायरेक्टर) ने इसे लेकर 25 जुलाई 2023 को एक रिपोर्ट दी थी। इसमें स्पष्ट लिखा था कि-

मोती के स्थानांतरण की प्रक्रिया अत्यधिक जोखिमपूर्ण होगी। उसकी अत्यधिक आक्रामक प्रवृत्ति के कारण उसे होश में बाड़े से बाहर नहीं निकाला जा सकता। यदि यह प्रक्रिया बेहोशी (एनेस्थीसिया) की अवस्था में की जाती है तो उसे क्रेन की मदद से उठाकर ट्रक में लादना होगा। बेहोशी की अवस्था में परिवहन करना होगा और गंतव्य स्थान पर भी इसी प्रकार उतारना पड़ेगा।

इंदौर जू में तारा हाथी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र।
…तो 20 मिनट में निकल जाएगी जान
रिपोर्ट में यह भी लिखा था कि यदि यात्रा के दौरान उसका संतुलन बिगड़ जाए और वह अपने सीने के बल बैठ जाए तो 20 मिनट में उसकी जान निकल जाएगी। इसके अलावा दूरी और यात्रा की अवधि जितनी अधिक होगी, उसकी सुरक्षा का जोखिम उतना ही बढ़ जाएगा। इसलिए तकनीकी रूप से यह स्थानांतरण संभव तो है, लेकिन इसमें अत्यधिक जोखिम है। इस तरह की चार बार हाई पावर कमेटी उसे भेजना जोखिमपूर्ण बता चुकी है।
जानिए क्या है वन तारा प्रोजेक्ट
वन तारा प्रोजेक्ट जामनगर में रिलायंस फाउंडेशन द्वारा स्थापित एक विशाल पशु बचाव, पुनर्वास और संरक्षण केंद्र है, जो उद्योगपति अनंत अंबानी का है। यह पार्क 3,500 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है और इसका उद्देश्य घायल और लुप्त प्राय जानवरों की देखभाल और संरक्षण करना है। इसे आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं और प्राकृतिक वातावरण पर केंद्रित किया गया है।