किसान बेफिक्र होकर गाय-भैंस को खिलाएं इस पेड़ की पत्ती, पूरे साल बहेगी दूध की धार, जानवर भी रहेंगे तंदुरस्त

किसान बेफिक्र होकर गाय-भैंस को खिलाएं इस पेड़ की पत्ती, पूरे साल बहेगी दूध की धार, जानवर भी रहेंगे तंदुरस्त


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Animal Husbandry: अगर आप अपने पशुओं का दूध बढ़ाना चाहते हैं तो हम आपको एक ऐसे पेड़ के पत्ते के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे खिलाकर पशुपालक अपने पशुओं का दूध बढ़ा सकते हैं. 

Animal Husbandry: अगर आप दुधारू पशुओं का दूध बढ़ाना चाहते हैं तो हम आपको एक ऐसे पेड़ के पत्ते के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे खिलाकर पशुपालक अपने पशुओं का दूध बढ़ा सकते हैं. दरअसल, छतरपुर जिले के पशुपालक अपने पशुओं को अरंडी के पत्तों को भूसे में कतरकर खिलाते हैं, जिससे पशुओं का दूध तो बढ़ता ही है. साथ ही वह तंदुरुस्त भी रहते हैं. इसके अलावा पशुओं की पाचन क्रिया भी मजबूत होती है.

स्थानीय किसान कालीचरण सोनी बताते हैं कि छतरपुर में सड़क या खेत किनारे अरंडी के पेड़ देखने को मिल जाते हैं. केन नदी किनारे तो अरंडी की खेती होती है. यहां के किसान भाई अपने पशुओं को अरंडी के पत्तों को खिलाते हैं. क्योंकि, अरंडी के पत्तों से दुधारू पशुओं का दूध बढ़ता है.

भूसा में कतरकर खिलाएं
पशुपालक बताते हैं कि छतरपुर जिले में अरंडी के पत्तों को पहले चारा मशीन में कतरना होता है. मशीन में कतरने के बाद भूसे के सानी में इसको मिला लिया जाता है फिर पशुओं को खिलाया जाता है. हालांकि, भूसा में बिना मिलाए ही पशु अरंडी के पत्तों को खाते हैं.

पशु होंगे तंदुरुस्त 
पशुपालक बताते हैं कि अगर आपका पशु ज्यादा दूध नहीं दे रहा है तो आप अरंडी के पत्तों को कतर कर भूसा सानी में खिला सकते हैं. इसके पत्तों का सेवन करने से पशुओं का दूध कुछ ही दिन में बढ़ने लगता है. इसके पत्तों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. साथ ही इसमें फाइबर भी होता है. आयुर्वेद में अरंडी के पत्तों का औषधि महत्व बताया गया है. अरंडी के पत्तों के सेवन से पशुओं का दूध तो बढ़ता ही है साथ में पशु तंदुरुस्त भी हो जाते हैं. अगर आपका पशु हष्ट-पुष्ट नहीं है तो वह तंदुरुस्त हो जाता है.

पाचन भी रहता है मजबूत 
पशुपालक बताते हैं कि अरंडी के पत्तों से न सिर्फ पशुओं का दूध बढ़ता है बल्कि पशुओं का पाचन तंत्र भी मजबूत रहता है. अगर किसी पशु का हाजमा ठीक नहीं है तो अरंडी के पत्तों का सेवन करने से उसका हाजमा ठीक हो जाता है. पशुपालक बताते हैं कि जो किसान अरंडी पेड़ की खेती करते हैं, वह अपने पशुओं को 12 महीने पत्तों को खिलाते हैं.

Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें

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