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Kajal in babies eyes truth myth: अक्सर हमने देखा है कि दादी-नानी छोटे बच्चों की आंखों में काजल लगाने को कहती हैं,लेकिन क्या यह बच्चों के लिए सुरक्षित है, चलिए जानते हैं..
अक्सर कहा जाता है बच्चों की आंखों में काजल लगाने से बच्चों की आंखें सुंदर और बड़ी हो जाती है, लेकिन यह बात भ्रम है या फिर सच? आईए जानते हैं जबलपुर के डॉक्टर राहुल शुक्ला से…

डॉक्टर ने बताया बच्चों की आंखें बहुत सेंसिटिव होती है. इसीलिए कोई भी बाहरी चीज लगाने से पहले सावधानी बरतना जरूरी होता है, भले ही वह काजल क्यों न हो? क्योंकि काजल भी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है.

उन्होंने बताया दादी-नानी अक्सर काजल लगाने को कहा करती थी, जिससे आंखें साफ रहती हैं, लेकिन यह सिर्फ धारणा है और पारंपरिक परिवारों में इसका चलन है. काजल लगाने से आंखों का आकार बदलता है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है.

दूसरी तरफ काजल लगाने के बाद एक विजुअल इल्यूजन होता है, जहां काजल आंखों की आउटर लाइन को डार्क कर देता है. जिसके कारण आंखें बड़ी नजर आती हैं, लेकिन साइज पर कोई असर नहीं होता.

उन्होंने बताया बाजार में मिलने वाले ज्यादातर काजल में लेड मतलब सीसा सहित अन्य केमिकल होते हैं, जो बच्चों की आंखों के लिए खतरनाक होते हैं. यह आंखों में जलन इन्फेक्शन के साथ-साथ कुछ बच्चों को इससे एलर्जी भी हो सकती है.

डॉक्टर का कहना है बच्चों की आंखों में धूल या बैक्टीरिया पहुंच सकते हैं, या फिर आंख लाल होने के साथी सूजन भी आ सकती है. इसीलिए सावधानी बरतनी चाहिए. हालांकि घी या तेल से बना देसी काजल सेफ हो सकता है, क्योंकि यह केमिकल फ्री होते हैं.

यदि घर में बने काजल को लगाना चाहते हैं, तब बहुत हल्के हाथ से काजल को लगाए. जहां आंख में इसका असर न हो. साथ ही आंखों के अंदर काजल न जाए. इसका विशेष ध्यान रखें.

डॉक्टर का कहना है बच्चों की खूबसूरती को नेचुरल ही रहने दे. आंखें जैसी है, वैसे ही सुंदर दिखाई देती है. बाहरी सुंदरता आंखों के साथ ही चेहरे को भी नुकसान पहुंचा सकती है.