दिवाली से पहले कमलनाथ का भोपाल में दरबार, अपने गुट में बेटे की ‘रीलॉन्चिंग’

दिवाली से पहले कमलनाथ का भोपाल में दरबार, अपने गुट में बेटे की ‘रीलॉन्चिंग’


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Congress inside Politics: दिवाली से पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ ने भोपाल पहुंचे और बड़ी बैठक की. इस बैठक को कमलनाथ द्वारा नकुलनाथ को अपनी राजनीतिक विरासत सौंपने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.

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भोपाल में पूर्व सीएम कमलनाथ और उनके पूर्व सांसद बेटे नकुलनाथ ने बैठक की.

भोपाल. दिवाली के पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस में फिर से हलचल तेज हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे, पूर्व सांसद नकुलनाथ राजधानी भोपाल पहुंचे और अपने सरकारी बंगले पर कांग्रेस नेताओं की बड़ी बैठक की. बैठक में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, सुखदेव पांसे, तरुण भनोट, बाला बच्चन, लखन घनघोरिया, मधु भगत, संजय शर्मा और सुनील जयसवाल जैसे नेता शामिल हुए. कमलनाथ के बंगले पर कई विधायक, पूर्व विधायक और पदाधिकारी भी पहुंचे. माहौल कुछ ऐसा था, मानो कमलनाथ अपने गुट की सियासी जमावट दोबारा कर रहे हों. कांग्रेस के अन्य गुटों के नेताओं की अनुपस्थिति ने पार्टी के अंदर शक्ति संतुलन की चर्चा को तेज कर दिया है.

इस बैठक की तस्वीरें खुद कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर साझा कीं. उन्होंने लिखा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मिलकर आगामी चुनौतियों पर चर्चा कर रहे हैं. हालांकि राजनीतिक हलकों में यह बैठक ‘कमलनाथ कैंप की ‘रीलॉन्चिंग’ मानी जा रही है, खासकर इसलिए क्योंकि नकुलनाथ को इस बार कमलनाथ ने साथ रखा और उन्हें नेताओं से सीधे मिलवाया. इससे पहले छिंदवाड़ा में हुए ‘किसान न्याय आंदोलन’ में नकुलनाथ की ‘पब्लिक री-एंट्री’ की चर्चा पहले ही हो चुकी थी. उस आंदोलन के बाद नकुलनाथ और कमलनाथ किसानों के बीच नजर नहीं आए. वे छिंदवाड़ा में नहीं थे, चर्चा है कि वे दुबई में थे.

भोपाल में पूर्व सीएम कमलनाथ और उनके पूर्व सांसद बेटे नकुलनाथ ने बैठक की.
राजनीतिक विरासत नकुलनाथ के हाथों में सौंपने की तैयारी
वहीं अब भोपाल से यह संकेत और मजबूत हुआ है कि कमलनाथ अपनी राजनीतिक विरासत नकुलनाथ के हाथों में सौंपने की तैयारी में हैं. कमलनाथ और नकुलनाथ की यह मुलाकात उस समय हुई है जब कांग्रेस प्रदेश में संगठनात्मक रूप से नए चरण में प्रवेश कर रही है. प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार जैसे नेता हाल के महीनों में सक्रिय रहे हैं, लेकिन इस बैठक में दोनों की अनुपस्थिति ने अलग ही संदेश दिया है. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि दिवाली के पहले यह ‘कमलनाथ दरबार’ कांग्रेस के अंदर शक्ति संतुलन का संदेश है. यह मीटिंग एक तरह से यह दिखाने की कोशिश है कि कमलनाथ गुट अब भी मजबूत है और भोपाल से सियासी केंद्र को फिर से सक्रिय करना चाहता है. बैठक से पहले और बाद में कमलनाथ के बंगले पर लगातार नेताओं की आवाजाही बनी रही. अंदर की चर्चा में विधानसभा उपचुनाव, संगठन विस्तार और भविष्य की रणनीति जैसे मुद्दे शामिल रहे. फिलहाल कांग्रेस के दूसरे गुटों से कोई भी बड़ा चेहरा यहां नहीं पहुंचा, जिससे पार्टी के अंदर खींचतान के संकेत फिर उभर आए हैं.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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