उज्जैन में पुष्य नक्षत्र पर बाजार में उमड़ेंगे ग्राहक।
पुष्य नक्षत्र पर इस साल 2 दिन तक तक विशेष मुहूर्त रहेंगे। जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करने के लिए लोग बाजार निकलेंगे। माना जा रहा है कि इस बार GST कम होने से इलेक्ट्रॉनिक और कार बाजार में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिल सकती है।
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2 दिन पुष्य नक्षत्र होने के चलते उज्जैन में इस बार करीब 10 करोड़ से अधिक का व्यापार होने की उम्मीद जताई जा रही है। पुष्य नक्षत्र, शनि व बृहस्पति का केंद्र त्रिकोण योग भी रहेगा।
पुष्य नक्षत्र पर यह रहेगा मुहूर्त
- पुष्य नक्षत्र 14 अक्टूबर मंगलवार को प्रात: 11:10 बजे से प्रारंभ होकर 15 अक्टूबर बुधवार को दोपहर 12:30 तक रहेगा।
- मंगलवार को सिद्धि योग एवं बुधवार को साध्य योग रहेगा। शनि तथा बृहस्पति से संबंधित नक्षत्र का गोचर पर्व काल के पूर्व स्थाई समृद्धि एवं सफलता का कारक बताया जाता है।
- गुरु पुष्य और शनि पुष्य का प्रभाव ज्यादा माना जाता है। यह नक्षत्र खरीदी व नए काम के लिए शुभ माना जाता है।
एक दिन पहले ही बाजार सजकर तैयार हो गया।
बाजार से सोना-चांदी गायब ज्वेलर्स एसोशिएशन के अध्यक्ष प्रशांत सोनी ने बताया कि इस बार ज्वेलर्स को सोना-चांदी मिल नहीं रहा है। चांदी डबल रेट होने के चलते 1 लाख 80 हजार रुपए किलो वही सोना 1 लाख 29 हजार रुपए तोला के रेट से बिक रहा है।
सोने और चांदी दोनों के रेट आसमान छू रहे है। ऐसे में इस बार सोने चांदी के बाजार अपेक्षाकृत कम भीड़ होने की संभावना है।

उज्जैन के एक ज्वैलर्स के यहां खरीदारी करते
सोना, चांदी, वाहन, पाॅलिसी की खरीदारी शुभ पंडित अमर डिब्बेवाला ने बताया कि पुष्य नक्षत्र पर कुछ ना कुछ वस्तु तो अवश्य खरीदनी चाहिए। वह स्थायी समृद्धि का संकेत करती है। विशेष कर सोना-चांदी तांबा पीतल लोहा प्लास्टिक इलेक्ट्रॉनिक से जुड़ी सामग्रियां दहेज की सामग्री उपहार दान के साथ-साथ गृह उपयोगी वस्तुओं से संबंधित किसी प्रकार की कोई ऐसी वस्तु जो देने वह लेने के क्रम में आ सके अवश्य लेना चाहिए।

बाजार में इलेक्ट्रिक आइटम्स से दुकानें सज गई है।
ये सामग्री खरीदनी चाहिए पुष्य नक्षत्र पर महिलाएं स्वर्ण रजत के आभूषण या सिक्के, पुरुष व्यापार से और नौकरी से संबंधित बही खाता कलम आदि और विद्यार्थी, कॉपी पेंसिल किताबें शिक्षा से जुड़ी सामग्री खरीदनी चाहिए। शनि और बृहस्पति की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पुष्य नक्षत्र पर शनि व गुरु का प्रभाव बताया जाता है। गुरु से संबंधित वस्तुओं का संचय अथवा खरीदारी जैसे सोना, बही खाता, नई पॉलिसी, बैंक की एफडी, नए रेस्टोरेंट, मंडी के सौदे, धान, खाद, बीज,पशुओं का आयात, धार्मिक वस्तुओं, रत्न तथा शनि के क्षेत्र से संबंधित नए वाहन, इलेक्ट्रिकल आइटम्स, कारखाने, नई फैक्ट्री, नई दुकान का शुभारंभ, कपड़े, सोफा सेट, बर्तन, पेट्रोल पंप, रासायनिक बाजार क्षेत्र पर शनि के प्रभाव माने जाते हैं।