खरगोन के बड़वाह स्थित मोदरी गांव में केंद्र सरकार ने 700 हेक्टेयर जमीन फॉस्फोराइट की माइनिंग के लिए चिह्नित की है।
खरगोन के बड़वाह स्थित मोदरी गांव में केंद्र सरकार ने 700 हेक्टेयर जमीन फॉस्फोराइट की माइनिंग के लिए चिह्नित की है। इसमें से 133 हेक्टेयर में माइनिंग होना है। इसे रोकने के लिए इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। जिस पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने सुनव
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एडवोकेट अभिष्ट मिश्र ने बताया कि हाईकोर्ट ने इस मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए एक्सपर्ट रिपोर्ट भी मांगी है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि यहां फॉस्फोराइट 0.04 से 0.53 प्रतिशत ही मिलने की संभावना है। जबकि झाबुआ, आलीराजपुर, मेघनगर वाले इलाके में यह खनिज पर्याप्त मात्रा में है। यह बात टेंडर में पेश किए गए दस्तावेजों में ही लिखी है।
माइनिंग होने पर कटेंगे हजारों पेड़
इंदौर के पर्यावरण संरक्षक अजय रघुवंशी, महू की दुर्गाशक्ति पीठ के पंडित शरद कुमार मिश्र और राधाकांताचार्य महाराज, महंत सुखदेवानंद और विवेक दुबे की याचिका में कहा है कि यहां माइनिंग की जाती है तो हजारों पेड़ काटे जाएंगे। इससे जंगल में रहने वाले वन्य जीवों के सामने संकट खड़ा हो जाएगा। वे शहर की ओर भागेंगे।
इसलिए यहां माइनिंग पर अभी रोक लगाई जाए और भविष्य में भी किसी तरह की माइनिंग न हो, इस संबंध में भी आदेश जारी किए जाएं। इस माइनिंग से 700 हेक्टेयर सघन वन क्षेत्र प्रभावित होगा। इससे नर्मदा नदी का प्रवाह तो प्रभावित होगा ही, जैव संतुलन भी बिगड़ेगा। यहां उत्तराखंड- कश्मीर जैसी प्राकृतिक आपदाएं आने की आशंका भी बढ़ जाएगी।