सिंधिया बॉयज स्कूल फोर्ट में प्रदर्शनी का शुभारंभ करने के बाद छात्रों से बातचीत करते सीडीएस जनरल अनिल चौहान।
ग्वालियर में सिंधिया बॉयज स्कूल फोर्ट के 128वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) जनरल अनिल चौहान ने सिंधिया स्कूल के शिक्षा स्तर की तारीफ करते हुए युवाओं की प्रतिभा को पहचानने के लिए साधुवाद दिया।
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उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं के रक्त में ही क्रिएटिविटी है। इसके पीछे दो कारण हैं। एक तीव्र स्मरण शक्ति और दूसरा तर्कशक्ति। यह हमारी वेद-पुराणों की देन है, जो आत्मशक्ति का स्रोत हैं।
सीडीएस जनरल चौहान ने युवाओं से कहा कि आप आज का नहीं, आने वाले कल का भविष्य हैं। अब युद्ध की परिभाषा बदल चुकी है। पहले सीमाओं पर कितने सैनिक मारे गए और कितना नुकसान हुआ, इसी पर जीत-हार निर्भर करती थी। लेकिन अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने इन पारंपरिक मानकों को गलत साबित कर दिया है।
सीडीएस जनरल चौहान का सम्मान करते हुए छात्र।
आधुनिक युग में जीत का नया आधार स्थिरता और गति है
सिंधिया स्कूल के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने युवा छात्रों को बताया कि आधुनिक युग में युद्ध में जीत का नया आधार है, स्थिरता और गति। एक साथ कई मोर्चों पर कार्रवाई की क्षमता, सभी ऑपरेशनों के संयोजन का प्रदर्शन, शुद्धता, सही टाइमिंग और नुकसान का सटीक मूल्यांकन आवश्यक है। कोविड-19 महामारी के दौरान और उसके बाद अनेक नवाचार हुए हैं, लेकिन इसके साथ ही सशक्त सेनाओं के सामने नई चुनौतियां भी उभरी हैं।
छात्रों ने ‘हिंदुस्तान मेरी जान…’ गीत से किया सीडीएस का स्वागत सोमवार को सिंधिया स्कूल बॉयज में आयोजित दो दिवसीय 128वें स्थापना दिवस समारोह के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने पूर्व स्कूल कैंपस में आयोजित प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।
इस दौरान केंद्रीय दूरसंचार मंत्री व स्कूल के बोर्ड ऑफ गर्वनर के चेयरमेन ज्योतिरादित्य सिंधिया साथ रहे और सीडीएस जनरल चौहान का उन्होंने स्वागत किया। इसके बाद सिंधिया स्कूल के ब्रास बैंड ने मुख्य अतिथि समेत अन्य अतिथियों का स्वागत किया।
ऑर्केस्ट्रा पर हिंदुस्तान मेरी जान…, के सरा सरा… और महाशंखनाद की धुन बजाकर किया है। कार्यक्रम में स्कूल के प्राचार्य अजय मिश्रा ने स्कूल की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर स्कूल के शिक्षक 2000 और 2015 के ओल्ड बॉयज, स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स मौजूद रहे।

सीडीएस से पुरस्कार लेने के बाद छात्र।
जीवन के कुछ पलों को रोचक अंदाज में समझाया
जनरल अनिल चौहान ने अपने संबोधन में लेफ्टिनेंट जनरल सिन्हा का एक उदाहरण साझा करते हुए राजनेता, नौकरशाह और सैनिकों के सोचने के तरीके को बेहद रोचक ढंग से समझाया। उन्होंने कहा, जब कोई राजनीतिज्ञ ‘हां’ कहता है तो उसका मतलब ‘शायद’ होता है, ‘शायद’ कहे तो ‘ना’ होता है, और यदि ‘ना’ कहे तो वह अच्छा राजनीतिज्ञ नहीं है।
जब कोई नौकरशाह ‘ना’ कहता है तो उसका मतलब ‘शायद’ होता है, ‘शायद’ कहे तो ‘हां’ होता है और यदि वह शुरुआत में ही ‘हां’ कह दे, तो वह अच्छा नौकरशाह नहीं। लेकिन जब एक सैनिक ‘ना’ कहता है तो उसका मतलब सचमुच ‘ना’ होता है, और जब वह ‘हां’ कहता है तो हर हाल में उस ‘हां’ पर कायम रहता है। अगर सैनिक ‘शायद’ कहे, तो वह सैनिक नहीं। उन्होंने कहा कि सेना की यही स्पष्टता और प्रतिबद्धता राष्ट्र की असली ताकत है।
विक्रम मिश्री को मिला माधव अवॉर्ड
इस साल के माधव पुरस्कार विजेता भारत के विदेश सचिव विक्रम मिश्री रहे। उन्होंने अपने केमिस्ट्री शिक्षक तेज सिंह इंगले को याद करते हुए कहा कि जब वह दसवीं में केमिस्ट्री में फेल हुए, तब उनके शिक्षक ने उनका हौसला बढ़ाया और कहा कि आगे और मेहनत करो। इसके बाद वह दसवीं में केमिस्ट्री में अच्छे नंबर से पास हुए। हालांकि जीवन में आगे कभी केमिस्ट्री का सामना नहीं हुआ, लेकिन कठिन परिश्रम की जो सीख उस समय मिली, वह उनके जीवन में हमेशा के लिए यादगार बनी।