Multilayer Farming: एक साथ 96 फसलों की खेती करता है ये स्मार्ट किसान, अब फिर करने जा रहा नया कारनामा

Multilayer Farming: एक साथ 96 फसलों की खेती करता है ये स्मार्ट किसान, अब फिर करने जा रहा नया कारनामा


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Multilayer Farming Benefits: एक साथ एक सीजन में 96 फसलों की पैदावार की गई थी जिसे देखने के लिए देश के कोने-कोने से किसान और विशेषज्ञ पहुंचे थे जहां सबसे ज्यादा आकर्षित इनका मल्टीलेयर पद्धति पर की जाने वाली खेती का मॉडल था.

अनुज गौतम, सागर: सागर के युवा किसान आकाश चौरसिया देश भर के किसानों के लिए रोल मॉडल हैं. इनके द्वारा हर साल खेती में कुछ ना कुछ इन्नोवेटिव किया जाता है, पिछले साल की बात करें तो आकाश चौरसिया के द्वारा एक साथ एक सीजन में 96 फसलों की पैदावार की गई थी जिसे देखने के लिए देश के कोने-कोने से किसान और विशेषज्ञ पहुंचे थे. जहां सबसे ज्यादा आकर्षित इनका मल्टीलेयर पद्धति पर की जाने वाली खेती का मॉडल था जहां उन्होंने एक जगह एक समय और एक साथ, एक बार के पानी और एक बार की मेहनत में पांच फसले उगाई, 1 एकड़ के फॉर्म में इस तरह उन्होंने एक साथ 60 फसलों की खेती की थी. इसके साथ उन्होंने 36 वैरायटी का गेहूं और आठ वैरायटी का चना भी उगाया था लेकिन अब यह किसान एक और नवाचार करने जा रहे हैं जो युवाओं की दशा और दिशा को बदल सकता है.

दरअसल सागर के कपूरिया में खेती करने वाले किसान आकाश चौरसिया कहते हैं कि आजकल युवा वर्ग खेती की तरफ आकर्षित हो रहा है. लेकिन वह नई-नई तकनीक नई-नई फसलें और नए नवाचार करने में काफी दिलचस्पी रखता है. लेकिन उन्हें सही तरीके से गाइडेंस नहीं मिल पाती, जिसकी वजह से कई बार नुकसान उठाना पड़ता है और फिर उनका इससे मोह भंग हो जाता है इस तरह की बहुत समस्याएं हमारे सामने आई, जिसको ध्यान में रखते हुए हम एक प्रशिक्षण शिविर युवा वर्ग के लिए आयोजित करने जा रहे हैं.

मल्टीलेयर फार्मिंग के जनक आकाश चौरसिया बताते हैं कि प्रशिक्षण शिविर 1 नवंबर से 30 नवंबर तक का होगा जिसमें 30 दिन जैविक खेती करने से लेकर हमारे अनाज से किस तरह प्रोडक्ट तैयार किया जा सकते हैं और आय को बढ़ाया जा सकता है इस पर काम करेंगे इसमें हमने 100 तरह की उत्पाद शामिल किए हैं जिन युवाओं को प्रैक्टिकल के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि उनके करियर को एक नई राह मिल सके.

अब जैसे आंवला काफी सस्ता रहता है लेकिन इसकी कैंडी और मुरब्बा बनाकर इसकी कीमत बढ़ाई जा सकती है साथ ही अच्छी मार्केटिंग होने पर व्यवसाय के रूप में इसको आगे बढ़ा सकते हैं.

हल्दी की खेती करने वाले किसान खुदाई के बाद हल्दी रख लेते हैं, उसके पत्तों को कचड़ा समझ कर फेंक देते हैं लेकिन हल्दी के पत्तों से प्रति एकड़ 30- 40 हजार का तेल निकाला जा सकता है.

मुनगा की डिमांड बहुत बढ़ती जा रही है लेकिन यह निश्चित समय पर मिलता है. ऐसे में इसको ट्राई करके टैबलेट बना सकते हैं. इस तरह की अलग-अलग प्रोडक्ट बनाना सिखाएंगे साथ ही कृषि से जुड़े एक्सपर्ट आएंगे वह भी उनके सामने ओरिएंटली और प्रैक्टिकल दोनों तरह से अपनी सहभागिता करेंगे.

यह प्रशिक्षण पूरी तरह से निशुल्क होगा ऐसा शहर में शामिल होने के इच्छुक युवा 9179 066275 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं कपूरिया कृषि फार्म की दूरी सागर रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर झांसी रोड पर है, सागर शहर से 7 किलोमीटर दूरी है.

shweta singh

Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें

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