जनजातीय कार्य विभाग के अधीन संचालित छात्रावासों और आश्रम शालाओं के अधीक्षकों ने ई-अटेंडेंस प्रणाली के विरोध में आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग को ज्ञापन सौंपा। जिला संयोजक के नेतृत्व में दिया गया ज्ञापन अधीक्षकों की समस्याओं और कार्य परिस्थितियों को स्प
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अधीक्षकों का कहना है कि उनका कार्य केवल शिक्षण तक सीमित नहीं है। उन्हें 24 घंटे छात्रावास में विद्यार्थियों की देखरेख, भोजन व्यवस्था, बीमार बच्चों का उपचार और अनुशासन बनाए रखना होता है। इसके बावजूद ई-अटेंडेंस के तहत सुबह 10 से शाम 5 बजे तक उपस्थिति दर्ज करने की बाध्यता व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है। ज्ञापन में अधीक्षकों ने कहा कि उन्हें अन्य योजनाओं जैसे आदर्श ग्राम, घरती आवास, शिष्यवृत्ति, सीएम हेल्पलाइन शिकायतें और अंतरजातीय विवाह सत्यापन कार्य भी सौंपे गए हैं। रविवार या शासकीय अवकाश पर भी उनकी उपस्थिति की अपेक्षा अनुचित है।
अधीक्षकों ने मांग की है कि ई-अटेंडेंस प्रणाली से उन्हें मुक्त किया जाए या उनके लिए अलग कार्य समय प्रणाली बनाई जाए। चेतावनी दी गई कि यदि मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे सामूहिक विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।ज्ञापन देने वालों में प्रशांत पटेल, ब्रजकिशोर गौर, राधेश्याम, एचपी अहिरवार, संतोष धाकड़, पहलाद सिंह, दीपक राजपूत, नीलू शर्मा, लखन लाल लोधी, जितेंद्र धाकड़, अर्चना बागड़ी शामिल रहे।