सिवनी हवाला मामले में SDOP समेत 10 गिरफ्तार: 11 पुलिसकर्मियों पर डकैती का केस; कांस्टेबल बोला-थाना प्रभारी के फोन पर पहुंचा – Seoni News

सिवनी हवाला मामले में SDOP समेत 10 गिरफ्तार:  11 पुलिसकर्मियों पर डकैती का केस; कांस्टेबल बोला-थाना प्रभारी के फोन पर पहुंचा – Seoni News


सिवनी जिले में 3 करोड़ रुपए के हवाला कांड में मामले में अब तक 11 में से 10 आरोपित पुलिसकर्मियों को हिरासत में ले लिया गया है। इन पर डकैती, अपहरण और आपराधिक षडयंत्र जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। एसआईटी ने प्रकरण में जांच शुरू कर दी है।

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छिंदवाड़ा रेंज के डीआईजी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद 11 में से 10 आरोपित पुलिसकर्मियों को हिरासत में ले लिया गया है। इनमें निलंबित एसडीओपी (CSP) पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम, प्रधान आरक्षक माखन इनवाती, आरक्षक योगेंद्र चौरसिया, आरक्षक नीरज राजपूत, जगदीश यादव, गनमैन केदार बघेल, एसडीओपी कार्यालय का चालक आरक्षक रितेश वर्मा, रीडर प्रधान आरक्षक रविंद्र उइके और सुभाष सदाफल शामिल हैं। एक अन्य आरोपित प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला की तलाश जारी है।

डीआईजी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि जबलपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद कुमार वर्मा ने जबलपुर नगर एएसपी आयुष गुप्ता को निलंबित पुलिसकर्मियों के संदिग्ध आचरण के संबंध में प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन तैयार करने के निर्देश दिए थे। इस दौरान प्रकरण में लिप्त सभी पुलिसकर्मियों के विस्तृत बयान दर्ज किए गए हैं।

जबलपुर क्राइम ब्रांच की टीम रकम की जांच कर रही है

जबलपुर क्राइम ब्रांच की टीम रकम की बरामदगी की टीम जांच कर रही है। इस प्रकरण की जांच भी जबलपुर क्राइम ब्रांच को आइजी को सौंप दी है। हवाला की रकम किसकी और कहां से लाई गई थी, इसकी विस्तृत जांच की जा रही है। एसआइटी में जबलपुर क्राइम ब्रांच एएसपी जितेन्द्र सिंह के अलावा तीन कर्मचारियों और लखनवाड़ा थाना प्रभारी चंद्रकिशोर सिरामे को शामिल किया गया है।

वहीं इस मामले में हाईकोर्ट जबलपुर के कुछ वकील सक्रियता हो गए हैं। सिवनी पहुंचे हाईकोर्ट के वकील आशीष त्रिवेदी ने इस मामले में पुलिस कर्मियों पर दर्ज एफआईआर को जल्दबाजी में की गई कार्रवाई बताया। हवाला के 3 करोड़ रुपए किसका है, किस उद्देश्य से नागपुर भेजा जा रहा था, यह भी अब तक जांच में स्पष्ट नहीं हो सका है।

आरक्षक ने बताया थाना प्रभारी के फोन पर पहुंचा

इस मामले में एसडीओपी पूजा पांडे ने आधी रकम दबाने की कोशिश की और कार्यवाही में देरी की लेकिन उन प्रधान आरक्षकों व आरक्षकों पर भी मामला दर्ज किया गया जिन आरक्षकों ने अधिकारियों के बुलाने पर अपनी ड्यूटी पूरी की। नाम न बताने की शर्त में आरक्षक ने बताया कि उन्हें रात में फोन आया था कि एक संदिग्ध वाहन है जिसकी चेकिंग करना है। थाना प्रभारी का जिस समय फोन आया वह घर पर सो रहा था, लेकिन अधिकारी के फोन के बाद वह मौके पर पहुंचा और उसे एसडीओपी ने पुलिस अधिकारी के साथ नगझर में खड़े रहने को कहा।

काफी देर बाद पुलिस अधिकारी ने एसडीओपी को फोन लगाया कि हम यहां खड़े हैं तो रात लगभग 12:30 बजे एसडीओपी मेडम ने कहा कि सिलादेही में आओ, हम सिलादेही के जंगल के पास गए जहां कुछ गाड़ी वाले लोग मौजूद थे। एसडीओपी पूजा मेडम फोन में दूर जाकर बात कर रही थी हमें नहीं मालूम था कि क्या हुआ है। और भी पुलिसकर्मी वहां मौजूद थे। इसमें मुख्य भूमिका पूजा पांडे मेडम की है जिन्होंने गाड़ी वालो से पैसे जब्त कर लिए थे। हम लोगों से कहा गया कि बड़ी कार्यवाही की जाएगी। मौके पर अन्य आरक्षक भी थे। जिन्हें भी मेरी तरह बुलाया गया था। लेकिन दूसरे दिन भी इस मामले में शाम तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। कार्रवाई करना अधिकारियों का काम है इसमें हमारा इतना दोष है कि हम अधिकारी के बुलाने पर चले गए।

11 पुलिसकर्मी पहले हो चुके हैं सस्पेंड

आरोपी पुलिसकर्मियों पर लखनवाड़ा थाने में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 310 (2) (डकैती), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 140 (3) (अपहरण) और 61(2) (आपराधिक षडयंत्र) के अंतर्गत आरोप लगाए गए हैं। घटना के तुरंत बाद ही सभी 11 पुलिसकर्मी निलंबित हो चुके थे।

मंगलवार को एसडीओपी पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम, एसडीओपी कार्यालय के आरक्षक माखन इनवाती, योगेंद्र चौरसिया, जगदीश यादव और बंडोल थाने के आरक्षक नीरज राजपूत को गिरफ्तार किया है।

यह था पूरा मामला

सिवनी पुलिस ने नागपुर के शख्स सोहन परमार से करीब 3 करोड़ रुपए जब्त किए थे। पुलिस पर आरोप है कि रिपोर्ट में जब्ती सिर्फ एक करोड़ 45 लाख रुपए की दिखाई। इतना ही नहीं, आरोपी को भी बिना कार्रवाई छोड़ दिया। इसकी जानकारी वरिष्ठ अफसरों को भी नहीं दी। जिसके बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया था।

9 अक्टूबर को सीएसपी पूजा पांडे और एसआई अर्पित भैरम ने यह 1.45 करोड़ रुपए की रकम जमा कराई थी। मामला सामने आने के बाद 9 अक्टूबर की रात को आईजी प्रमोद वर्मा ने थाना प्रभारी अर्पित भैरम समेत 9 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद 10 अक्टूबर को डीजीपी कैलाश मकवाना ने एसडीओपी पूजा पाण्डेय को भी सस्पेंड कर दिया था।

हवाला की मूल राशि के संबंध में लखनवाड़ा थाना पुलिस ने 11 अक्टूबर की रात महाराष्ट्र जालना के बर्तन व्यापारी सोहनलाल परमार और उसके दो कर्मचारियों शेख मुख्तार व इरफान पठान पर धारा 112(2), 3/6 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस दल ने 13 अक्टूबर को नागपुर से 1.25 करोड़ रुपए जब्त कर आकाश जैन और अमन गुरनानी नामक दो अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया था। पुलिसकर्मियों से 1.45 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं।

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सिवनी जिले में 3 करोड़ रुपए के हवाला कांड में पुलिस ने एसडीओपी (CSP) पूजा पांडे समेत 6 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है। डीजीपी कैलाश मकवाना के निर्देश के बाद 11 पुलिस कर्मियों के खिलाफ डकैती, अवैध रूप से रोकना, अपहरण और आपराधिक षडयंत्र की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पढ़े पूरी खबर

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