बुरहानपुर कलेक्टर हर्ष सिंह के निर्देश पर औषधी निरीक्षक ने बुधवार को ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल दुकानों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान प्रतिबंधित और अवमानक औषधियों की जांच की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने चेतावनी दी है कि गैर-पंजीकृत
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औषधी निरीक्षक ने दर्यापुर के योगिराज मेडिकल, लक्ष्मीधाम फार्मेसी, सांई मेडिकल और ग्राम सिरपुर के आरोही मेडिकल, शुभम मेडिकल, चौहान मेडिकल, धैर्य फार्मेसी का निरीक्षण किया। जांच का उद्देश्य प्रतिबंधित, अवमानक औषधियों की उपलब्धता और फार्मासिस्टों की उपस्थिति सुनिश्चित करना था।
निरीक्षण के दौरान सभी मेडिकल दुकानों पर फार्मासिस्ट उपस्थित पाए गए। स्टॉक की जांच में कोई अवमानक या प्रतिबंधित फिक्स डोज कॉम्बिनेशन की दवा नहीं मिली। सभी फार्मासिस्टों को निर्देश दिए गए कि वे केवल आरएमपी डॉक्टर के पर्चे पर ही शेड्यूल दवाएं बेचें और खरीद-बिक्री के बिल व्यवस्थित रखें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि जिले के सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को सूचित किया गया है कि फार्मेसी अधिनियम 1948 की धारा 42 के प्रावधानों के अनुसार, केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट ही मेडिकल प्रेक्टिशनर के प्रिस्क्रिप्शन पर दवाएं वितरित कर सकते हैं।
यदि किसी गैर-पंजीकृत व्यक्ति द्वारा दवाओं का वितरण या विक्रय पाया जाता है, तो संबंधित मेडिकल स्टोर पर फार्मेसी एक्ट 1948 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें तीन माह तक की कैद, दो लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। अनियमितता पाए जाने पर संबंधित मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।