100 नहीं… 85 हजार साल पृथ्वी पर था इस राजा का राज, मनेगा यहां जन्मोत्सव, जानें इनकी खासियत

100 नहीं… 85 हजार साल पृथ्वी पर था इस राजा का राज, मनेगा यहां जन्मोत्सव, जानें इनकी खासियत


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Shri Raj Rajeshwar Sahastrarjuna Temple: इस साल भगवान का जन्मोत्सव 26 से 28 अक्टूबर तक बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. महेश्वर स्थित भगवान राज राजेश्वर सहस्त्रार्जुन मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा. भगवान सहित गर्भगृह का 6 क्विंटल फूलों से आकर्षक श्रृंगार होगा. चलिए इस मंदिर के बारे में कुछ खास बातें आपको बताते हैं.

Shri Raj Rajeshwar Sahastrarjuna Temple: मध्य प्रदेश के खरगोन की धार्मिक नगरी महेश्वर में इस बार दिव्य उत्सव की तैयारी जोरों पर है. यहां भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र के अवतार, सप्तद्वीप सम्राट भगवान कार्तवीर्य सहस्त्रार्जुन का जन्मोत्सव कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा. कहते हैं कि, सहस्त्रार्जुन एक ऐसे राजा हैं, जिन्होंने 100, 200 नहीं पूरे 85 हजार साल तय पृथ्वी पर राज किया था. उन्होंने अपने पराक्रम से सातों द्वीपों पर विजय हासिल की थी.

महेश्वर (प्राचीन नाम माहिष्मति) कार्तवीर्य सहस्त्रार्जुन की राजधानी रही है. यहीं से उन्होंने अपना शासन चलाया था. धर्म ग्रंथों के अनुसार, आज भी उनका अंश महेश्वर किला परिसर में मौजूद प्राचीन शिवालय के गर्भगृह में स्थित शिवलिंग में समाहित है. इसीलिए इस मंदिर को उन्हीं के नाम (श्री राज राजेश्वर सहस्त्रार्जुन मंदिर) से जाना जाता है. यहां दर्शन, पूजन के लिए संपूर्ण भारत से भक्त आते हैं.

कब मनेगा भगवान का जन्मोत्सव
इस साल भगवान का जन्मोत्सव 26 से 28 अक्टूबर तक बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. महेश्वर स्थित भगवान राज राजेश्वर सहस्त्रार्जुन मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा. भगवान सहित गर्भगृह का 6 क्विंटल फूलों से आकर्षक श्रृंगार होगा. इसमें गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा, मोगरा और सफेद गुलदावरी जैसे फूलों का उपयोग होगा.

तीन दिवसीय उत्सव में होंगे ये आयोजन
पुजारी कार्तिक महंत ने बताया कि उत्सव की शुरुआत 26 अक्टूबर को श्री गणेश पूजन और मंडप स्थापना से होगी. इस दौरान 16 ब्राह्मणों द्वारा स्वाहकार यज्ञ किया जाएगा, जिसमें सुबह से शाम तक आहुतियां दी जाएंगी. अगले दिन मंदिर और गर्भगृह को फूलों से सजाएंगे. जबकि, तीसरे दिन 28 अक्टूबर की रात 10:30 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. तीनों दिनों तक मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.

चौथे दिन होगा विशाल भंडारा
इसी के साथ हर दिन सुबह 5:30 बजे काकड़ आरती होगी, जिसमें भक्त बड़ी संख्या में शामिल होंगे. तीन दिन तक गर्भगृह में 11 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा महारुद्राभिषेक भी किया जाएगा. अंतिम दिन भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरेगी. शाम को विशेष आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे. चौथे दिन विशाल भंडारा होगा. इसमें हजारों भक्त प्रसादी ग्रहण करेंगे.

कौन थे सप्तद्वीप सम्राट सहस्त्रबाहु?
पुजारी ने बताया कि भविष्य पुराण के अनुसार, राजा कार्तवीर्य सहस्त्रार्जुन ने लगभग 85 हजार वर्ष तक पृथ्वी पर राज किया था. उन्हें भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र का अवतार माना जाता है. वे इतने पराक्रमी और बलशाली थे कि, सातों द्वीपों पर उनका राज था. तीनों लोकों पर विजय पाने वाले लंकाधिपति रावण को भी बंदी बना लिया था. महेश्वर में मौजूद है यह मंदिर आज भी उनके पराक्रम का प्रतीक माना जाता है.

Deepti Sharma

Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें

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