Diwali Most Demanding Flower: 18 अक्टूबर से पंच पर्व शुरू हो रहे हैं. बाजार भी सज चुके हैं. वहीं, फूलों की भी डिमांड बढ़ने लगी है. धनतेरस और दीपावली पर एक फूल ऐसा भी है, जिसकी बंपर डिमांड होती है. ऐसी डिमांड होती है कि इसकी कमी तक पड़ जाती है. फिर दुकानदार इसका फायदा उठाते हैं और महंगे दाम में बेचते हैं. इस फूल की अहमियत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि दिवाली पर कई बार ये एक फूल 1000 से 10000 तक में बिका है, जबकि सामान्य दिनों में एक फूल की कीमत 5 या 10 रुपये तक होती है.
सुबह से लेकर रात तक तोड़ते हैं फूल
इन दिनों किसान नाव से सुबह से शाम तक कमल के फूल तोड़कर दीपावली के लिए बाजार में भिजवा रहे हैं. सुबह होते ही खिले हुए कमल को तोड़कर इकट्ठा करते हैं और फिर उन्हें खास तरह की पैकिंग के साथ बड़े शहरों के बाजार में बेचते हैं.
पीढ़ियों से कर रहे ये काम
सैकड़ों की तादात में रोज फूल तोड़कर बेचने वाले जयकरन रैकवार बताते हैं, ”यहां कमल के फूल हमारे पुरखों की पीढ़ियों से खिलते आए हैं. इस बार बड़े तालाब में हजारों कमल खिले हैं. पिछले बार की अपेक्षा इस बार तालाब में ज्यादा कमल खिले हैं. छतरपुर जिले के सभी तालाबों में इस बार अच्छे कमल खिले हैं. मैंने आज ही 500 से ज्यादा कमल तोड़े हैं. धनतेरस और दीपावली तक हजार से ज्यादा कमल तोड़कर बेच लेंगे. अगर छतरपुर के बाजार में बेचेंगे तो सामान्य तौर पर पर्व के दौरान कमल की कीमत 50 से 100 रुपए तक मिलती है. लेकिन, यही कमल भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर और दिल्ली जैसे महानगरों में महंगी कीमतों में बिक जाते हैं.
10,000 रुपए का एक फूल भी बेचा
आगे बताया, कमल के फूल की कीमत का हमारा अनुभव तो ये है कि धनतेरस और दीपावली के मौके पर जब कमल नहीं मिलता है तो हमारे लिए यही कमल लक्ष्मी बन जाते हैं. जयकरन रैकवार ने दावा किया कि एक बार तो हमने एक कमल 10,000 रुपए में भी बेचा था. उस समय कमल बाजार में नहीं मिल रहा था. 1,000 का एक कमल तो कई बार बेचा है.
इस बार कमल फूल बहुत हैं…
हालांकि, इस बार कमल बहुत ज्यादा है. बाजार में भी अच्छा खासा आएगा, इसलिए एक कमल की क़ीमत 20 से 100 रुपए ही मिलेगी. हम कमल की खेती नहीं करते हैं, जितना अपने आप हो जाता है, उतना मिल जाता है. गांव के लोगों को तो फ्री में ही दे देते हैं. ज्यादा माल रहता नहीं है, इसलिए मंडी में कभी नहीं जाते हैं.