इंदौर के चिड़ियाघर का 65 साल का हाथी मोती अब चिड़ियाघर में ही रहेगा। पिछले दिनों मोती को वन तारा सेंटर (जामनगर, गुजरात) भेजने के लिए हाई पावर कमेटी से एक पत्र आया है, लेकिन जू प्रबंधन और वन विभाग इसके पक्ष में नहीं था।
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मोती को इंदौर के चिड़ियाघर में ही रखने के लिए प्रबंधन ने हर संभव प्रयास किए, जिसके फलस्वरूप ये हुआ कि अब मोती इंदौर के ही चिड़ियाघर में रहेगा। चिड़ियाघर प्रभारी डॉ.उत्तम यादव ने बताया कि हाथी मोती चिड़ियाघर का सबसे पुराना प्राणी है।
इस संबंध में चीफ वाइड लाइफ वार्डन, मध्यप्रदेश शासन भोपाल से ईमेल के जरिए एक लेटर मिला है। जिसके चलते हाथी मोती अब इंदौर के ही चिड़ियाघर में रहेगा। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हस्तक्षेप के बाद हाथी मोती की शिफ्टिंग रुकी है।
इंदौर के चिड़ियाघर में 65 साल का हाथी मोती।
मोती को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रही उठापटक में नया मोड़ आ गया है। मोती को इंदौर के ही चिड़ियाघर में रखने के लिए आवाज उठाई जा रही थी। आखिरकार सभी का ये प्रयास रंग लाया, जिसके चलते यह तय हुआ कि अब मोती यहीं रहेगा।
बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश शासन के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की ओर से आधिकारिक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें साफ लिखा गया है कि मोती का फिलहाल कहीं और ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। वहीं, मोती के अकेलेपन को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने उसके साथ एक फीमेल हाथी की व्यवस्था करने की पहल शुरू कर दी है।
इधर, डॉ. उत्तम यादव का कहना है कि हमने भी मोती की वस्तु स्थिति से हायर ऑथोरिटी को अवगत कराया था। मोती की उम्र 65 साल हो चुकी है, जबकि एवरेज लाइफ 70 साल होती है। ऐसे में उसका विशेष ध्यान भी यहां रखा जा रहा है।
फीमेल हाथी लाने का भी किया जा रहा प्रयास
मोती के लिए एक फीमेल हाथी लाने की कवायद भी जू प्रबंधन द्वारा की जा रही है। उज्जैन में एक फीमेल हाथी की जानकारी प्रबंधन को मिली थी, इसके चलते प्रबंधन ने वहां भी चर्चा की थी और कोशिश की जा रही है कि वहां से फीमेल हाथी को इंदौर के चिड़ियाघर में लाया जा सके। हालांकि इसे लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है।
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इंदौर-जू से तारा हाथी को वनतारा भेजने के निर्देश

दौर के प्राणी संग्रहालय का चर्चित हाथी मोती एक बार फिर सुर्खियों में है। मोती को वन तारा सेंटर (जामनगर, गुजरात) भेजने के लिए हाई पावर कमेटी से एक पत्र आया है, लेकिन जू प्रबंधन और वन विभाग इसके पक्ष में नहीं हैं। दोनों का कहना है कि मोती काफी गुस्सैल और आक्रामक प्रवृत्ति का है। उसे इंदौर जू में रखा जाना ही बेहतर है।पूरी खबर पढ़ें