रीवा में दिसंबर महीने में रेवा फिल्म फेस्टो 2025 होगा। इसमें रीवा और रूस सहित विदेशों के कलाकार भी हिस्सा लेंगे। उत्सव रीवा के युवा फिल्मकारों और कलाकारों के लिए भी सुनहरा अवसर होगा। वह अपनी कला, लघु फिल्में और रचनात्मक प्रतिभा दुनिया के सामने रख सके
.
आयोजन समिति डेज सोसायटी से जुड़े आशुतोष तिवारी और उदित नारायण गर्ग ने बताया कि रेवा फिल्म फेस्टो 2025 का उद्देश्य रीवा को अंतरराष्ट्रीय फिल्म और कला मानचित्र पर स्थापित करना है। 12 से 14 दिसंबर तक रीवा बनेगा संस्कृति, सिनेमा और सृजन का संगम स्थल। जहां हर रंग होगा, हर सुर होगा, और हर दिल में गूंजेगा।
डेज सोसायटी के बैनर तले 12 से 14 दिसंबर तक होगा। इसमें फिल्म महोत्सव नहीं बल्कि कला, संगीत और संस्कृति का महापर्व होगा। फेस्टो में एंट्री निशुल्क होगी।
बॉलीबुड-हॉलीबुड के कलाकार आएंगे तीन दिवसीय इस उत्सव में रूस से आने वाले डेलीगेट्स, बॉलीवुड और हॉलीवुड के नामी कलाकार अपनी मौजूदगी से रीवा को अंतरराष्ट्रीय रंग देने वाले हैं। कार्यक्रम में गीत-संगीत, फैशन शो, पेंटिंग प्रदर्शनी और रंगारंग प्रस्तुतियां होंगी। जहां एक मंच पर भारतीय और रूसी कलाकार संस्कृति की एकता और विविधता का संदेश देंगे।
यह उत्सव रीवा के युवा फिल्मकारों और कलाकारों के लिए भी सुनहरा अवसर होगा। यहां वह अपनी कला, लघु फिल्में और रचनात्मक प्रतिभा दुनिया के सामने रख सकेंगे। आयोजन समिति डेज सोसायटी से जुड़े आशुतोष तिवारी और उदित नारायण गर्ग ने बताया कि “रेवा फिल्म फेस्टो 2025” का उद्देश्य रीवा को अंतरराष्ट्रीय फिल्म और कला मानचित्र पर स्थापित करना है।
12 से 14 दिसंबर तक रीवा बनेगा संस्कृति, सिनेमा और सृजन का संगम स्थल। जहां हर रंग होगा, हर सुर होगा, और हर दिल में गूंजेगा।
रीवा से रूस कनेक्शन : रामायण, राजकपूर और व्हाइट टाइगर उन्होंने कहा कि कहते हैं कला और संस्कृति की कोई सीमा नहीं होती, और इसका सबसे सुंदर उदाहरण है रीवा और रूस के बीच की वो अदृश्य डोर — जो रामायण, राजकपूर, और व्हाइट टाइगर के ज़रिए जुड़ी है। रीवा एक ऐसी धरती है जहां परंपरा और कला साथ-साथ सांस लेती है और रूस एक ऐसा देश जिसने भारतीय संस्कृति और सिनेमा को दिल से अपनाया।
पहला कनेक्शन, रामायण: रीवा से रूस का रिश्ता आध्यात्मिक और सांस्कृतिक है। माना जाता है कि रामायण ने उत्तर भारत में भक्ति आंदोलन की दिशा तय की। वहीं रूस में रामायण का रूसी अनुवाद 19वीं सदी में हुआ और वहां भी श्रीराम की कथा को सम्मान मिला।इस वर्ष फेस्टो में रामायण कल झांकी और नाट्य मंचन रूस-भारत की साझा प्रस्तुति के रूप में दिखाया जाएगा।
दूसरा कनेक्शन, राजकपूर: रूस में भारत की पहचान बने राजकपूर, जिन्होंने अपने सिनेमा से वहां के दर्शकों का दिल जीता।“आवारा हूं” और “श्री 420” जैसे गीत आज भी रूस में गुनगुनाए जाते हैं। उनकी याद में कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम रीवा में बना है।
रेवा फिल्म फेस्टो में राजकपूर के फिल्मों की स्पेशल स्क्रीनिंग और फोटो एग्जिबिशन का आयोजन किया जाएगा।
तीसरा कनेक्शन, व्हाइट टाइगर: रीवा और रूस का तीसरा और सबसे गर्व का रिश्ता है, व्हाइट टाइगर। दुनिया का पहला सफेद बाघ रीवा के महाराजा मार्तंड सिंह के संरक्षण में पला बढ़ा था। आज रूस के चिड़ियाघरों में भी भारत से गए इन्हीं व्हाइट टाइगर्स की नस्लें मौजूद हैं।
रूस व्हाइट टाइगर का क्लोन तैयार कर रहा है। फेस्टो में इस “व्हाइट टाइगर कनेक्शन” पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई जाएगी। भारत और रूस का रिश्ता सिर्फ फिल्मों या कलाकारों तक सीमित नहीं, बल्कि यह संस्कृति, श्रद्धा और प्रकृति का भी संगम है। “रेवा फिल्म फेस्टो 2025” इसी रिश्ते को नई ऊंचाई देने जा रहा है।