CMRS कमिश्नर से पहले मेट्रो देखने भोपाल पहुंची टीम: दो दिन में डिपो, ट्रैक-सॉफ्टवेयर देखा; दिवाली बाद फाइनल निरीक्षण होगा – Bhopal News

CMRS कमिश्नर से पहले मेट्रो देखने भोपाल पहुंची टीम:  दो दिन में डिपो, ट्रैक-सॉफ्टवेयर देखा; दिवाली बाद फाइनल निरीक्षण होगा – Bhopal News


मेट्रो के कमर्शियल रन के लिए अहम कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) की एक और टीम भोपाल पहुंची। कमिश्नर के आने से पहले इस टीम ने दो दिन तक डिपो, ट्रैक, सॉफ्टवेयर समेत कई पैमाने पर निरीक्षण किया। दिवाली बाद फाइनल निरीक्षण होगा। कमिश्नर जनक कुमार गर्ग की

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बता दें कि सितंबर में मेट्रो कमिश्नर गर्ग ने टीम के साथ सुभाषनगर स्थित मेट्रो डिपो और प्रायोरिटी कॉरिडोर के 6.22 किलोमीटर रूट को देखा था। वे ट्रेन में सवार हुए। सुभाषनगर और एम्स स्टेशन पर करीब दो घंटे तक निरीक्षण किया। इसके बाद टीम लौट गई। अब मेट्रो स्टेशन, डिपो, ट्रैक आदि देखने के लिए कमिश्नर गर्ग फिर भोपाल आएंगे।

मेट्रो स्टेशन का निरीक्षण करती टीम।

स्टेशनों पर भी पहुंची टीम मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (CMRS) की तीन सदस्यीय टीम 15-16 अक्टूबर को भोपाल में रही। टीम ने मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर की मुख्य लाइन, ट्रैक एवं सभी स्टेशन का निरीक्षण किया। यह भोपाल मेट्रो का दूसरा निरीक्षण था। इससे पूर्व कमिश्नर डिपो एवं रोलिंग स्टॉक का निरीक्षण कर चुके हैं। इस बार निरीक्षण का फोकस मुख्य लाइन, स्टेशनों, ट्रैक, विद्युत एवं यांत्रिक (E&M) सिस्टम, एवं अन्य परिचालन संबंधी व्यवस्थाओं पर रहा। टीम ने एम्स से सुभाष नगर तक सभी स्टेशनों पर सुरक्षा और तकनीकी मानकों की जांच भी की। जिन्हें संतोषजनक पाया।

टीम मेट्रो के सभी 8 स्टेशन- सुभाषनगर, केंद्रीय स्कूल, डीबी मॉल, एमपी नगर, आरकेएमपी, डीआरएम तिराहा, अलकापुरी और एम्स पहुंची। स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट की व्यवस्था क्या है। यात्रियों की सहुलियत के लिए क्या-क्या सुविधाएं हैं आदि को लेकर टीम अपनी रिपोर्ट देगी।

पहली टीम यह देख चुकी सितंबर में आई पहली टीम ने ट्रेन और डिपो देखा था। मेट्रो ट्रेन के कोच में क्या-क्या सुविधाएं हैं? यात्रियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन है या नहीं? सीसीटीवी कैमरे, आरामदायक बैठने की व्यवस्था, वातानुकूलित कोच, चार्जिंग पॉइंट और वास्तविक समय यात्री सूचना प्रणाली आदि भी देखा।

वहीं, डिपो में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (OCC) कैसा है। बिजली की पर्याप्त व्यवस्था है या नहीं? अनुरक्षण-बे, स्टेबलिंग लाइन, रिपेयर-बे आदि के साथ फायर सेफ्टी के क्या इंतजाम है? इसके बारे में भी जाना।

सुभाषनगर मेट्रो स्टेशन पर जानकारी लेती तीन सदस्यीय टीम।

सुभाषनगर मेट्रो स्टेशन पर जानकारी लेती तीन सदस्यीय टीम।

इसी महीने कमर्शियल रन प्रस्तावित बता दें कि इसी महीने मेट्रो का कमर्शियल रन प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। वहीं, वे भोपाल मेट्रो के पहले यात्री भी बन सकते हैं। 31 मई को इंदौर मेट्रो को भोपाल से हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद से भोपाल मेट्रो को लेकर तेजी से काम शुरू हो गया। मेट्रो के जिन 3 स्टेशन के काम बचे हैं, उन पर फोकस किया जा रहा है।

आरडीएसओ से मिल चुकी ओके रिपोर्ट भोपाल मेट्रो के लिए सबसे पहले रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की टीम आ चुकी है। इस टीम की रिपोर्ट ओके आई। इसके निरीक्षण के बाद सीएमआरएस को डॉक्युमेंट्स सबमिट किए गए। फिर निरीक्षण की तारीख फाइनल हुई।

साल 2018 से शुरू हुआ था मेट्रो का काम भोपाल में पहला मेट्रो रूट एम्स से करोंद तक 16.05 किलोमीटर लंबा है। इसमें से एम्स से सुभाष नगर के बीच 6.22 किलोमीटर पर प्राथमिकता कॉरिडोर के तौर पर 2018 में काम शुरू किया गया था। सुभाष नगर से आरकेएमपी स्टेशन तक काम पूरा हो चुका है। इसके आगे अलकापुरी, एम्स और डीआरएम मेट्रो स्टेशन के कुछ काम बाकी है, जो पूरे किए जा रहे हैं। रेल ट्रैक के ऊपर दो स्टील ब्रिज भी बनाए गए हैं।

दो साल पहले हुआ था पहला ट्रायल राजधानी में पहली बार मेट्रो 3 अक्टूबर 2023 को पटरी पर दौड़ी थी। तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था।



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