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Cold Season Agriculture Tips: सर्दी का मौसम शुरू होने से पहले ही किसानों के लिए अब मुनाफे का सीजन शुरू हो गया है. इस समय ऐसी कई हरी सब्जियां हैं, जिन्हें बोकर किसान अगले एक महीने में ही बढ़िया आमदनी कमा सकते हैं.
Agriculture Tips: सर्दियों के मौसम में हरी सब्जियों की खेती किसानों के लिए सोने की खान साबित हो सकती है. अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से नवंबर की शुरुआत तक का समय पालक, मेथी और लाल भाजी जैसी फसलों की बुवाई के लिए सुनहरा अवसर है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि महज 25 से 35 दिन में तैयार होने वाली ये फसलें किसानों को कम लागत में लाखों का मुनाफा दिला सकती हैं.
किसान रामलाल कुशवाहा ने बताया, पालक की खेती सबसे तेज रिटर्न देने वाली फसलों में शामिल है. एक एकड़ में पालक की खेती करने पर कुल लागत लगभग ₹12,000 से ₹20,000 तक आ सकती है. इससे ₹65,000 से ₹2 लाख तक का शुद्ध मुनाफा हो सकता है. यह एक कम समय में तैयार होने वाली और अच्छा मुनाफा देने वाली फसल है. बुवाई के महज 25 से 35 दिन के भीतर पहली कटाई शुरू हो जाती है. प्रति एकड़ 150 से 250 क्विंटल तक उपज मिलती है, जिसे बाजार में 15 से 25 रुपए प्रति गड्डी के हिसाब से बेचा जाता है. एक बीघा से किसान 2 से 3 लाख तक की आमदनी कर सकते हैं. सबसे बड़ा फायदा ये कि पहली कटाई के बाद हर 20-25 दिन में दोबारा कटाई संभव है.
मेथी: सबसे ज्यादा मुनाफे वाली फसल
मेथी की खेती में सबसे कम समय और सबसे ज्यादा मुनाफा मिलता है. इसमें अक्टूबर की बुवाई आदर्श मानी जाती है. प्रति एकड़ 8 से 10 किलो बीज की जरूरत होती है और कुल लागत 30 से 40 हजार रुपए आती है. 20 से 30 दिनों में पहली कटाई के लिए तैयार मेथी की फसल से 28 से 32 क्विंटल प्रति एकड़ उपज मिलती है. हरी मेथी का बाजार भाव 50 से 60 रुपए प्रति किलो रहता है, जिससे किसान एक एकड़ से 3 से 4 लाख तक की कमाई कर सकते हैं.
लाल भाजी: कम लागत में अच्छा रिटर्न
बघेलखंड में चौलाई भाजी के नाम से जाने जानी वाली यह फसल 25 से 30 दिनों में तैयार हो जाती है. एक एकड़ की खेती में लागत ₹10,000 से ₹16,000 तक आ सकती है, और इससे ₹70,000 से ₹1.5 लाख तक का शुद्ध मुनाफा हो सकता है. यह एक जल्दी तैयार होने वाली और अच्छी कमाई देने वाली फसल है. एक एकड़ से किसान 1 से 1.5 लाख रुपए की आमदनी कर सकते हैं. पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण इसकी बाजार में हमेशा अच्छी मांग रहती है.
कृषि विशेषज्ञों की सलाह
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि तीनों फसलों को मिश्रित तरीके से अलग-अलग क्यारियों में लगाना सबसे बेहतर रणनीति है. इससे जोखिम कम होता है और आय निरंतर बनी रहती है. बुवाई से पहले बीजों को फफूंदनाशक से उपचारित करना जरूरी है और अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है.
एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें
एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें