धनतेरस पर ज्वेलरी शोरूम में लगी ग्राहकों की भीड़।
बालाघाट में धनतेरस पर लगभग 20 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। पांच दिवसीय दीपावली पर्व की शुरुआत के साथ ही बाजार में रौनक लौट आई। इस वर्ष दुपहिया वाहनों की बिक्री ने सोने-चांदी के कारोबार को पीछे छोड़ दिया।
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वाहनों और सराफा के अलावा, धनतेरस पर बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है, जिसके चलते बर्तन की दुकानों पर भी अच्छी भीड़ देखी गई। हालांकि, किसानों की फसल कटाई न होने और महीने के मध्य में दीपावली आने से कर्मचारियों के हाथ तंग होने के बावजूद बाजार में ग्राहकों की अच्छी उपस्थिति रही।
धनतेरस को भगवान धन्वंतरी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन भगवान धन्वंतरी अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इस दिन खरीदारी को सुख-समृद्धि के लिए शुभ माना जाता है। बालाघाट का बाजार ग्राहकों की मांग और आधुनिकता को ध्यान में रखते हुए पहले से ही सजा हुआ था।
ज्वेलरी शोरूम में खरीदारी करने पहुंचे ग्राहक।
किस क्षेत्र में कितना कारोबार
होंडा के डिस्ट्रीब्यूटर कमजीत सिंह छाबड़ा ने बताया कि जीएसटी दरों में कमी का असर वाहन बाजार पर स्पष्ट दिखा। जिले में धनतेरस पर लगभग दो हजार वाहनों की रिकॉर्ड बिक्री हुई, जिससे 12 से 13 करोड़ रुपए का व्यवसाय दर्ज किया गया।
सराफा एसोसिएशन के पूर्व जिलाध्यक्ष महेंद्र सुराना के अनुसार, सोने और चांदी की कीमतों में तेजी के बावजूद सराफा बाजार में लगभग 10 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। हालांकि, ग्राहकों ने निवेश के दृष्टिकोण से खरीदारी में अधिक रुचि दिखाई।