राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी।
बड़वानी से राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने 29 अगस्त 2025 को राज्यसभा के मानसून सत्र में किसानों के हित में एक मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में केला, पपीता, संतरा, आम और अनार जैसी उद्यानिकी फसलों को शामिल करने की
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डॉ. सोलंकी ने बताया कि वर्तमान में PMFBY के तहत खाद्यान्न, दलहन, तिलहन, रबी और खरीफ जैसी फसलें शामिल हैं, जिससे प्राकृतिक आपदाओं में किसानों को मुआवजा मिलता है। हालांकि, उद्यानिकी फसलें अब तक इस योजना से बाहर हैं। देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर इनकी खेती होती है, जिसमें किसानों का भारी निवेश और श्रम लगता है।
सांसद सोलंकी की ओर से उठाया गया मुद्दा।
उन्होंने मध्यप्रदेश के बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, धार और अलीराजपुर जैसे जिलों का उदाहरण दिया। यहां हजारों किसान केला, संतरा, आम, पपीता और अनार जैसी व्यवसायिक उद्यानिकी फसलें उगाते हैं। इन फसलों को तैयार होने में लंबा समय और बड़ा निवेश लगता है।
प्राकृतिक आपदाओं जैसे अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, तूफान या सूखे से बागान नष्ट होने पर किसानों को भारी नुकसान होता है। वर्तमान में इन फसलों के लिए कोई बीमा सुरक्षा उपलब्ध नहीं है, जिससे किसानों को आर्थिक अस्थिरता का सामना करना पड़ता है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने विषय को गंभीर माना
डॉ. सोलंकी की इस पहल पर भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल संज्ञान लिया। उन्होंने इस विषय की गंभीरता को स्वीकार किया है। उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि राज्य सरकार इस विषय में आवश्यक कार्यवाही करे और उद्यानिकी फसलों को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत शामिल करने के लिए कदम उठाए।