सीएम हेल्पलाइन पहले समस्या निपटवाने का प्रभावी माध्यम था पर अब ऐसा नहीं है। अफसर पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। पुरानी शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही है। अकेले ग्वालियर में 100 दिन से पुरानी शिकायतों की संख्या 6, 570 तक पहुंच गई है
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उन्होंने कहा कि हर आवेदन का निराकरण समय सीमा में किया जाए ताकि लोगों को दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। ऐसी शिकायतें जो 100 दिन से अधिक पुरानी हैं उनके लिए बैठक में कहा गया कि इन्हें बंद किया जाए। हो सकता है कि कुछ का निराकरण होने के बाद भी लंबित हैं, या कुछ निराकरण लायक हों। आयुक्त ने फोर्स क्लोज की भी छूट दी। ऐसे ही नोट अटेंड शिकायतों की संख्या लगभग 25 है, अकेले ग्वालियर में 7 शिकायतें नोट अटेंड की श्रेणी में मिलीं।
आयुक्त खत्री ने कहा कि इसके लिए जो लापरवाह हैं उन अधिकारियों को नोटिस जारी किए जाएं। बैठक में शामिल एक अफसर ने कहा कि कुछ शिकायतें ऐसी भी हैं जिन्हें विभाग प्रमुख ने देखा ही नहीं है या फिर उसके आगे टीप नहीं लगाई है। यही नोट अटेंड की श्रेणी में आती हैं।
बैठक में आयुक्त ने अच्छा काम करने वाले कुछ विभागों की सराहना की। खत्री ने अधिकारियों से कहा कि शिकायतों का फीडबैक लेकर संतुष्टि स्तर का मूल्यांकन किया जाए। समाधान ऑनलाइन पोर्टल जनसुनवाई का डिजिटल रूप है, इसकी प्रभावशीलता तभी बढ़ेगी जब अधिकारी हर समस्या को अपनी प्राथमिकता माने और समय पर पारदर्शी कार्रवाई करें।