खंडवा का स्‍नेक हीरो, मुबारिक शेख के जज्‍बे को सलाम, बचाई कई जानें

खंडवा का स्‍नेक हीरो, मुबारिक शेख के जज्‍बे को सलाम, बचाई कई जानें


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खंडवा जिले के बोरगांव गांव के मुबारिक शेख का हौसला कुछ अलग है. मुबारिक निडर होकर सांपों के पास पहुंचते हैं और उन्हें सुरक्षित तरीके से जंगल में छोड़ देते हैं.

खंडवा. गर्मी और बरसात के मौसम में जहरीले सांपों का निकलना आम है. ऐसे समय में कई लोग डर के मारे घर छोड़कर भाग जाते हैं, लेकिन खंडवा जिले के बोरगांव गांव के मुबारिक शेख का हौसला कुछ अलग है. मुबारिक निडर होकर सांपों के पास पहुंचते हैं, रेस्‍क्‍यू करते हैं और उन्हें सुरक्षित तरीके से जंगल में छोड़ देते हैं. यही कारण है कि आज पूरे इलाके में उन्हें “सर्प मित्र” के नाम से जाना जाता है. मुबारिक ने अब तक 5,000 से ज्यादा सांपों का रेस्क्यू किया है.

इनमें कोबरा, रसेल वाइपर, क्रेट और धामन जैसे खतरनाक सांप शामिल हैं. कई बार उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर इन्हें पकड़ा. मुबारिक का मानना है, “सांप भी प्रकृति का हिस्सा हैं, उन्हें मारना नहीं, बचाना चाहिए.” सांपों से लगाव उनके बचपन से जुड़ा है. पहली बार खेत में सांप देखने के बाद ही उन्हें इन जीवों के प्रति आकर्षण हुआ. समय के साथ उन्होंने यह सीख लिया कि कौन-सा सांप जहरीला है और किसका व्यवहार शांत रहता है. आज वे किसी भी सांप को देखकर उसकी प्रजाति तुरंत पहचान लेते हैं.

कई बार सांपों ने काटा, लेकिन उनका साहस कम नहीं 
मुबारिक दिन या रात, बारिश या धूप किसी भी समय लोगों की मदद के लिए तुरंत मौके पर पहुंच जाते हैं. कई बार सांप उन्हें काट भी चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने साहस नहीं छोड़ा. फिजियोथेरेपी और अनुभव के बल पर उन्होंने न केवल अपने डर पर काबू पाया, बल्कि गांव और आसपास के क्षेत्रों में लोगों के लिए सुरक्षा का नया पैमाना स्थापित किया. वे केवल सांप पकड़ने तक सीमित नहीं हैं. मुबारिक बच्चों और ग्रामीणों को जागरूक करते हैं कि सांप हमारे पर्यावरण के लिए आवश्यक हैं. बिना सांपों के चूहों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे फसलें प्रभावित होती हैं.

डर और साहस केवल मन की लड़ाई
मुबारिक शेख की निडरता और सेवा भाव के लिए कई सामाजिक संगठनों ने उन्हें सम्मान और पुरस्कार से नवाजा है. आज भी जब गांव में कोई सांप दिखता है, लोग घबराकर नहीं भागते, बस एक नाम पुकारते हैं- “सर्प मित्र मुबारिक को बुलाओ!” उनकी कहानी यह सिखाती है कि डर और साहस केवल मन की लड़ाई हैं. मुबारिक ने साबित किया कि अगर दिल में हिम्मत और करुणा हो, तो इंसान और प्रकृति दोनों का जीवन सुरक्षित रखा जा सकता है.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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