बालाघाट जिले के नक्सल प्रभावित वनग्राम बोरवन में ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं। शनिवार को प्रशासनिक शिविर में ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया, जिसमें एक दर्जन से अधिक मुद्दे सामने आए।
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ग्राम पंचायत बक्कर के अंतर्गत आने वाले वनग्राम बोरवन में प्राथमिक शाला और आंगनवाड़ी भवन नहीं है। इसके चलते बच्चों को 4 किलोमीटर दूर नंदोरा के स्कूल और आंगनवाड़ी जाना पड़ता है।
वन क्षेत्र से होकर गुजरने के कारण छोटे बच्चों की सुरक्षा को खतरा रहता है। ग्रामीणों ने गांव में प्राथमिक स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र खोलने की मांग की। बोदालझोला के ग्रामीणों ने भी आंगनवाड़ी की मांग उठाई।
लाइट का वोल्टेज कम होने की शिकायत की
बिजली को लेकर भी गंभीर शिकायतें सामने आईं। बोरवन के ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में बिजली तो है, लेकिन वोल्टेज नहीं मिलता। वहीं, बोदालझोला के ग्रामीणों ने शिकायत की कि उनके गांव में बिजली नहीं मिल रही है, फिर भी 2 हजार रुपए तक के बिजली बिल आ रहे हैं।
इन समस्याओं को अधिकारियों को बताया गया
इसके अतिरिक्त, ग्रामीणों ने नल-जल योजना से पानी, पेंशन योजना का लाभ, राशन के लिए पात्रता पर्ची, वन अधिकार पट्टे में फौती दर्ज कराने और लाड़ली बहना योजना का लाभ दिलाने जैसी अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए आवेदन दिए। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने संबंधित विभागों को मौके पर ही इन समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए।
कैंप में लोगों मिले ये लाभ
शिविर में कुछ योजनाओं के तहत लाभ भी प्रदान किए गए। 5 बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिला, जबकि 5 हितग्राहियों को स्वामित्व योजना के तहत आवासीय भूमि के पट्टे दिए गए। 2 किसानों को तिलहन योजना के अंतर्गत 5-5 किलोग्राम अलसी के बीज प्रदान किए गए।
दुर्गा आजीविका स्व-सहायता समूह को गांव के अमृत सरोवर में मत्स्य पालन के लिए 10 वर्ष का पट्टा दिया गया। ‘एक बगिया मां के नाम’ योजना में 4 हितग्राहियों को 2 लाख 40 हजार रुपए की राशि वितरित की गई। साथ ही, 44 ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें निःशुल्क दवाएं भी दी गईं।

इस शिविर में ग्राम बोरवन, नंदोरा, सीतापार, बोदालझोला और बक्कर के ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर आए थे। शिविर में ग्राम पंचायत बक्कर के सरपंच युवराज पांचे सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
